संसद हमले से चर्चा में आए डीएसपी और आतंकियों के बीच 12 लाख में हुई थी डील

1172
page3news-ruppes
page3news-ruppes

श्रीनगर। कश्मीर के कुलगाम में दो आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि डीएसपी की कार में सवार दोनों आतंकियों से कथित तौर पर 12 लाख में डील हुई थी। इसके बदले वह उन आतंकियों को सुरक्षित चंडीगढ़ ले जाने वाला था। इतना ही नहीं, अपने मंसूबों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसने बकायदा चार दिन की छुट्टी भी ले ली थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस और आतंकियों के गठजोड़ से सुरक्षा एजेंसियां भी चकरा गई हैं। ऐसे में इनकी साठगांठ की परतें अब आइबी और रॉ जैसी केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त जांच में खुलेंगी।

Delhi Election 2020: चुनाव प्रचार के लिए आज लॉन्च होगा ‘लगे रहे केजरीवाल’ गाना

पूछताछ में खुल सकते हैं कई बड़े मामले

सूत्रों की मानें तो कुख्यात आतंकियों के लिए हथियारों की डील करवाने का जिम्मा भी डीएसपी के पास ही था। अभी इस मामले में सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। इस दौरान बड़े मामले खुल सकते हैं। वहीं, पूछताछ के आधार पर सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के खमनू और बड़गाम समेत कश्मीर में आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। कुख्यात आतंकी नवीद की निशानदेही पर कुछ हथियार भी बरामद किए हैं। हालांकि जांच एजेंसियां अभी इस संबंध में कुछ भी बताने से बच रही हैं।

अधिकारियों के अनुसार पूछताछ पूरी होने के बाद ही पूरे मामले का पर्दाफाश किया जाएगा। रविवार को राज्य पुलिस के महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि डीएसपी देविंदर सिंह ने जघन्य अपराध किया है। वह डीएसपी श्रीनगर एयरपोर्ट जैसे अति संवेदनशील जगह पर तैनात था। शनिवार तक इसका अंदाजा भी नहीं था कि वह ऐसे मामले संलिप्त होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी पुलिस को इसके लिए दोषी ठहराना गलत है।

जम्मू के सांबा में होनी थी डील

बताया जा रहा है कि नवीद और उसके साथी के हथियारों की डील संभवत: जम्मू के सांबा में ही होने वाली थी। इसके बाद दोनों आतंकी कुछ महीने चंडीगढ़ में ही ठहरने वाले थे। अफसरों के अनुसार उनसे पूछताछ के आधार पर ही उनके मंसूबों का पता चल सकेगा। वहीं, डीएसपी के आवास से नकदी भी बरामद हुई है।

नवीद ने भाई को किया था फोन

सूत्रों का कहना है कि नवीन ने रवाना होने से पहले अपने भाई को फोन किया था। वह फोन भी पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों ने सर्विलांस पर रखा हुआ था। इसके आधार पर मिली पुख्ता सूचना के बाद ही वाहन को रोका गया था।

पकड़े गए दो आतंकियों में एक पुलिस भगोड़ा भी

आतंकी नवीद पुलिस का भगोड़ा था, जो कि 2017 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था। सूत्रों के अनुसार डीएसपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस विभाग के अधिकारियों की स्क्रीनिंग होगी। क्योंकि गृह मंत्रालय भी चाहता है कि ऐसी काली भेड़ों की पहचान की जाए जो आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके लिए केंद्रीय खुफिया एजेंसी इंटेलीजेंस ब्यूरो और रॉ भी जांच में सहयोग करेगा।

संसद हमले के दौरान भी चर्चा में आया था नाम

पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह का नाम संसद हमले के बाद भी चर्चा में आया था। बताया जा रहा है कि अफजल ने यह दावा किया था कि कार देविंदर सिंह ने ही उपलब्ध करवाई थी। हालांकि पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर विजय कुमार ने इससे इन्कार किया है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि हमारे पास इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है। इससे पूर्व भी डीएसपी कई बार आरोपों के घेरे में आ चुके हैं। इसमें वूसली के आरोप भी शामिल हैं।

Mission सुलेमानी के लिए आखिर अमेरिकी सेना की क्‍या थी रणनीति, हमले के कुछ अनछुए पहलू…

Leave a Reply