नई दिल्ली। Nameplate Controversy : शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर रोक जारी रहेगी। साथ ही यूपी और उत्तराखंड सरकार को आदेश जारी करते हुए 22 जुलाई के अंतरिम आदेश को जारी रखने की बात कही। कोर्ट ने आगे कहा यह आदेश 5 अगस्त तक जारी रहेगा और उसी दिन आगे की सुनवाई होगी।
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यूपी सरकार की दलील खारिज
इससे पहले यूपी सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए अपने आदेश का बचाव किया था। सरकार ने कहा था कि उसने नेमप्लेट का आदेश इसलिए दिया था कि राज्य में शांति बनी रहे। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया।
किसी को भी नाम बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता – कोर्ट
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और एस वी एन भट्टी की पीठ ने कहा कि वह 22 जुलाई के आदेश पर कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं करेगी क्योंकि हमने अपने 22 जुलाई के आदेश में जो कुछ भी कहने की जरूरत थी, वह कह दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में फिर कहा कि किसी को भी नाम बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
पीठ ने मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों से उनके संबंधित निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को राज्य सरकारों के जवाबों पर अपनी प्रतिक्रियाएं दाखिल करने की अनुमति दी और मामले को 5 अगस्त के लिए स्थगित कर दिया।
यूपी सरकार ने ये भी दलील दी थी
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने जवाब में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के अपने निर्देश का बचाव करते हुए कहा कि यह विचार पारदर्शिता लाने और संभावित भ्रम से बचने और शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित करने के लिए था।