Monkey Pox Update: मंकीपाक्स के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार की एडवाइजरी जारी

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नई दिल्ली। Monkey Pox Update:  देश में बढ़ते मंकीपाक्स के मामलों के बीच केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमित लोगों के साथ लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने या उनसे मिलने पर मंकीपाक्स होने की बात कही है। एडवाइजरी के मुताबिक, संक्रमण से बचने के लिए हाथों को साबुन से धोने या सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। वायरस के खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। भारत में भी इसके कई मामले सामने आ चुके हैं।

Monkeypox in Delhi: मंकीपॉक्स का दिल्ली में तीसरा मामला

मंकीपाक्स तीन से चार सप्ताह तक शरीर में रह सकती है। मंकीपाक्स होने पर सबसे पहले बुखार होता है। इसके साथ शरीर और मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाती है। चेहरे पर दाने निकलते हैं जो धीरे-धीरे शरीर में फैलने लगते हैं।

क्या करें और क्या न करें

एडवाइजरी के मुताबिक, संक्रमण होने पर सबसे पहले मरीज को दूसरे लोगों से अलग यानी आइसोलेट करें। हाथों को साबुन से धोएं या सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें। अगर आपके आसपास मंकीपॉक्स (Monkey Pox Update) का मरीज है तो मास्क और ग्लव्स लनें। जहां रहते हैं वहां पर डिसइंफेक्टेंट्स का इस्तेमाल करें. मरीज के द्वारा इस्तेमाल की जा चुकी चादर या टॉवल यूज न करें। अगर आपमे मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आ रहे हैं तो भीड़-भाड़ वाली जगह या पब्लिक इवेंट में जाने से बचें। गलत जानकारी देकर लोगों को भ्रमित न करें. जानकारी वही साझा करें जिसे चिकित्सक प्रमाणित कर चुके हैं या हेल्थ एजेंसी ने जारी की है।

6 से 13 दिन में दिखते हैं लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, मंकीपाक्स का संक्रमण होने के बाद इसके लक्षण दिखने में 6 से 13 दिन लगते हैं। कुछ मामलों में ये 5 से 21 दिन का समय भी ले सकते हैं। संक्रमण होने वाले दिन से लेकर अगले 5 दिन के अंदर बुखार, सिरदर्द, थकान और बैक पेन जैसे लक्षण दिखते हैं। बुखार शुरू होने के 1 से 3 दिन के अंदर स्किन पर असर दिखना शुरू हो जाता है और दाने निकलने लगते हैं। इसके 95 फीसद मामलों में चेहरे पर और 75 फीसद मामलों में हथेली और पैर के तलवों पर दाने निकलते हैं।

संक्रमण होने पर किस बात का ध्यान रखें?

WHO का कहना है कि मंकीपाक्स का संक्रमण होने पर शरीर में पानी की कमी बिल्कुल न होने दें। मरीज को भूखा न रहने दें। खाने में ऐसी चीजें दें जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करें। मरीज कितनी जल्दी रिकवर होगा, यह उसकी इम्यूनिटी पर निर्भर करता है। सामान्य स्वस्थ लोगों को बचाव के तौर पर इंसानों को जानवरों या संक्रमित मरीजों के सम्पर्क में न आने की सलाह दी जाती है। अब तक मंकीपाक्स के लिए कोई दवा नहींं तैयार हो पाई है। फिलहाल ऐसे मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए बचाव ही बेहतर इलाज है।

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