लखनऊ,पॉलीथिन पर प्रतिबंध के बाद अब सरकार की नजर पैकिंग मैटीरियल पर है। प्लास्टिक कचरे का समुचित प्रबंधन न करने वाली 83 कंपनियों पर 40 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। इनमें दालमोठ, बिस्कुट, चिप्स, नूडल्स आदि बनाने वाली कई मल्टी नेशनल कंपनियां भी शामिल हैं। ऑनलाइन शॉपिंग की कंपनियों पर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जुर्माना लगाया है।
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बोर्ड ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम नौ व 11 के तहत
बोर्ड ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम नौ व 11 के तहत यह कार्रवाई की है। इसके तहत ऐसे ब्रांड ओनर व प्रोड्यूसर जो अपने उत्पाद प्लास्टिक या मल्टीलेयर प्लास्टिक में पैकिंग कर बाजार में बेचते हैं, उन्हें अपने उत्पाद में प्रयुक्त प्लास्टिक व मल्टीलेयर प्लास्टिक के बराबर प्लास्टिक कचरे को एकत्र कर निस्तारण करना होता है।
इन बड़ी कंपनियों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन पर जुर्माना लगाया है। इनमें पान मसाला, दवा निर्माता, पेय पदार्थ आदि की इकाइयां भी शामिल हैं। जुर्माने की राशि 15.62 लाख रुपये से लेकर 61.60 लाख रुपये के बीच हैं। बोर्ड ने जिन 83 कंपनियों पर कार्रवाई की है उनमें 51 वह कंपनियां हैं जिन्हें जुर्माने के साथ ही कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
दूध डेयरी व डिस्टलरी को कारण बताओ नोटिस
बोर्ड ने दूध डेयरी व डिस्टलरियों को भी बंद करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया है। इन सभी पर जुर्माना लगाया है। यह कंपनियां भी अपने उत्पादों में प्लास्टिक पैकिंग मैटीरियल का इस्तेमाल कर रही हैं लेकिन निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं बनाई है।
प्लास्टिक कचरा फैलाने वाली कंपनियों पर जुर्माना
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी ने बताया कि पैकिंग मैटीरियल के नाम पर प्लास्टिक कचरा फैलाने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने के साथ ही प्लास्टिक कचरा निस्तारण के लिए इन कंपनियों को कार्ययोजना पेश कर बोर्ड में पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। नोटिस का जवाब न देने वालों की फैक्ट्रियां सील की जाएंगी।
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