आसनसोल:पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिले में टीएमसी पार्षद खालिद खान की गोली मारकर हत्या के बाद तनाव का माहौल है। हत्या के विरोध में पार्षद के समर्थक और टीएमसी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और जमकर हंगामा किया। स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस को रैपिड ऐक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को तैनात करना पड़ा।
विवार सुबह बड़ी संख्या टीएमसी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए
बता दें कि 24 अगस्त की रात बाइक सवार बदमाशों ने कुल्टी के मनबेड़िया इलाके से पार्षद खालिद की गोली मारकर कर दी थी। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हत्या के विरोध में रविवार सुबह बड़ी संख्या टीएमसी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए, वाहनों के साथ तोड़-फोड़ और आगजनी भी की। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कर सड़कें जाम कर दीं। प्रदर्शन के दौरान टायर भी जलाए गए। प्रशासन को स्थिति को काबू में लाने के लिए आरएएफ और कॉम्बैट फोर्स के जवानों को तैनात किया।
मर्डर पर सियासत शुरू
सूत्रों के मुताबिक, आसनसोल नगरपालिका के वार्ड नंबर 66 के पार्षद 45 साल के खालिद खान की हत्या की वजह पार्टी के अंदर ही उनके विरोधी हो सकते हैं जबकि बंगाल के उपभोक्ता मामलों के मंत्री साधन पांडे ने हत्या के पीछे बीजेपी का हाथ बताया है। हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोपों का खंडन किया है।
पुलिस ने बताया कि
पुलिस ने बताया कि चार साल पहले भी इसी तरह खालिद की हत्या की कोशिश की गई थी। वह शनिवार रात को डिनर के बाद घर के बाहर टहलने के लिए निकले थे। इसी दौरान रात साढ़े ग्यारह बजे के करीब अज्ञात बाइकरों के ग्रुप ने उन पर हमला बोल दिया। पहली बुलेट उनकी दायें पैर में लगी और वह जमीन पर गिर गए। खान के भाई अरमान ने बताया, ‘वह लोकप्रिय नेता थे और इसलिए उनके दुश्मन भी थे। पार्टी के अंदर ही उनके कई विरोधी थे जो चाहते थे कि वह चले जाएं।