दीपावली और सहालग से पहले आलू-प्याज के बढ़े दाम ने बिगाड़ दिया रसोई का बजट

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लखनऊ: दीपावली और सहालग से पहले आलू-प्याज के बढ़े दाम ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। फुटकर बाजार में पुराना आलू 45 से 50 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है तो नया आलू 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक में मिल रहा है। इसी तरह प्याज के दाम 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। जानकारों के मुताबिक, आलू-प्याज के दाम में उछाल की बड़ी वजह मौसम है। पिछले साल खोदाई के वक्त बारिश होने से आलू की पैदावार कम हुई थी। वहीं, इस साल महाराष्ट्र-कर्नाटक में लगातार बारिश से प्याज की बड़ी खेप खराब हो गई। इसके अलावा इनकी कालाबाजारी भी चल रही है। इसी कारण आलू-प्याज के रेट तेजी से बढ़ रहे हैं। फरवरी तक दाम गिरेंगे, जिसके बाद राहत मिलेगी।

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सहालग नजदीक होने से आलू और प्याज की डिमांड बढ़ गई है, लेकिन सप्लाई पर्याप्त नहीं हो पा रही। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान विकास बालियान ने बताया कि आम दिनों में दुबग्गा मंडी में एक हजार क्विंटल प्याज आता है, जो मौजूदा समय में 500 क्विंटल तक पहुंच गया है। इसी तरह आलू भी 2500 क्विंटल की जगह पर 1500 क्विंटल ही आ रहा है। इस बीच अनलॉक में छूट मिलने से होटल-रेस्तरां भी फिर से खुल गए हैं और दीपावली भी नजदीक है। दुबग्गा मंडी के इंस्पेक्टर जेबी सिंह ने बताया कि उत्पादन कम होने और खपत बढ़ने से आने वाले दिनों में इनके रेट और बढ़ सकते हैं।

फरवरी तक गिरेंगे दाम

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक डॉक्टर विनोद कुमार तिवारी बताते हैं कि आलू की मुख्य फसल की खोदाई जनवरी-फरवरी में होगी। ऐसे में जनवरी अंत या फरवरी के शुरुआत में ही आलू सस्ता होने की उम्मीद है।

पैदावार कम, भंडारण भी

इस साल पूरे देश में आलू की पैदावार काफी कम रही है। दरअसल, जनवरी-फरवरी में खोदाई के वक्त बारिश हो गई। इसके अलावा सितंबर में भी मौसम खराब होने से अगैती आलू की खेप कम हो गई। उद्यान निदेशक एसबी शर्मा ने बताया कि पिछले साल प्रदेश में 156 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ था और 120 लाख मीट्रिक टन भंडारण हुआ था। वहीं, इस बार 140 लाख मीट्रिक टन आलू हुआ। भंडारण भी 98 लाख मीट्रिक टन ही हुआ। इस तरह आलू उत्पादन चार साल पुराने स्तर पर पहुंच गया।

रतलाम में रोके जा रहे प्याज के ट्रक

प्याज के व्यापारियों के मुताबिक, इस साल महाराष्ट्र और कर्नाटक में बारिश होने से काफी मात्रा में प्याज खराब हो गया। इससे प्याज के दाम भी बढ़ गए। कारोबारियों के मुताबिक, फिलहाल कुछ दिनों से प्याज की खेप आनी शुरू हुई है, लेकिन रतलाम मंडी में ट्रक रोके जा रहा है। आवक के मुकाबले मंडी में खरीद क्षमता कम है। इस कारण सप्लाई न होने से प्याज सड़ रहा है।

बेहतर दाम के बाद भी कालाजाबारी

पैदावार कम होने और मांग बढ़ने से आलू के किसानों को भी अच्छे दाम मिल रहे हैं। आगरा के आलू किसान हेमंत सिंह बताते हैं कि इस बार किसान को 2500 से 3500 रुपये प्रति कुंतल तक दाम मिल रहा है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम वर्मा ने कहा कि पैदावार कम होने के साथ कालाबाजारी भी दाम बढ़ने की बड़ी वजह है। किसानों को एक किलो आलू के 25 से 30 रुपये मिल रहे हैं, जबकि शहर में लोगों को दोगुने दाम पर आलू खरीदना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को शहरों में काउंटर लगाकर कम मुनाफे पर आलू-प्याज की बिक्री करवानी चाहिए।

थोक के मुकाबले खुदरा में 30%-40% ज्यादा दाम

सब्जी थोक रेट खुदरा (रुपये प्रति किलो में)
प्याज 50-55 80
टमाटर 36 50-60
आलू (पुराना) 30-35 40-50
आलू (नया) 47 60

हरी सब्जियों का करें सेवन

मौजूदा समय में हरी सब्जियां, आलू-प्याज से सस्ती है। उपकार के वैज्ञानिक डॉक्टर विनोद कुमार तिवारी का कहना है कि लोग इस मौसम में हरी सब्जियों का सेवन सस्ता और फायदेमंद भी है। पालक, मेथी, धनिया, मटर और गोभी जैसी सीजनल सब्जियों के दाम अभी और गिरेंगे। वहीं, सब्जी का ठेला लगाने वाजे अमित कुमार ने बताया कि मौजूदा समय में लौकी 25 रुपये प्रति किलो, कद्दू 25, पालक 25 से 30, भिंडी 30 से 40 और बैगन 20 से 30 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।

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