नई दिल्ली: भारत ने अमेरिका की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए शुक्रवार को रूस के साथ बहुचर्चित व बहुप्रतीक्षित S-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील फाइनल कर दी। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगुआई में हुई दोनों देशों की द्विपक्षीय वार्ता में इस डील पर मुहर लगी। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच स्पेस सहयोग समेत 8 बड़े समझौते हुए। पीएम मोदी और पुतिन ने साझा बयान में इन समझौतों का ऐलान किया। इस मौके पर मोदी ने भारत के साथ संबंधों में गर्माहट लाने के लिए रूसी राष्ट्रपति की जमकर तारीफ की।
रूस के साथ अपने संबंधों को भारत देता है सर्वोच्च प्राथमिकता
पीएम मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रपति के डेलिगेशन का स्वागत कर खुशी हुई। रूस के साथ अपने संबंधों को भारत सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। तेजी से बदलते युग में हमारे संबंध और ज्यादा प्रासंगिक हो गए हैं। वैश्विक मामलों पर हमारे सहयोग को मायने मिले हैं। आज के निर्णय हमारे संबंधों को ताकतवर बनाएंगे।’
आपको बता दें कि भारत और रूस की एस-400 डील पर अमेरिका की पैनी नजर थी। अमेरिका की प्रतिबंधों की चेतावनी को नजरअंदाज कर भारत ने रूस के साथ यह डील की है। अमेरिका की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है।
हमारी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को नई बुलंदियां प्राप्त होंगी:पीएम
पीएम मोदी ने साझा बयान में कहा, ‘इस विशिष्ट रिश्ते के लिए राष्ट्रपति पुतिन की प्रतिबद्धता से इन संबंधों को और भी ऊर्जा मिलेगी और हमारे बीच प्रगाढ़ मैत्री और सुदृढ़ होगी। हमारी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को नई बुलंदियां प्राप्त होंगी।’ पीएम मोदी ने कहा कि मानव संसाधन से लेकर नेचरल रिसॉर्सेज तक, व्यापार से लेकर निवेश, नाभिकीय ऊर्जा के शान्तिपूर्ण सहयोग से लेकर सौर ऊर्जा तक, टेक्नॉलजी से टाइगर कन्ज़र्वेशन तक, सागर से अंतरिक्ष तक भारत और रूस के सम्बन्धों का और भी विशाल विस्तार होगा।
इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘मैं भारतीय पीएम को भारत-रूस के बीच इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत के आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं। इस दोस्ती से रूस काफी खुश है, मैं पीएम मोदी को रूस आने का आमंत्रण देता हूं। भारत के साथ हमारा पुराना और मजबूत रिश्ता है, मैं भारतीय कंपनियों को रूस में कारोबार करने के लिए आमंत्रित करता हूं। पीएम मोदी के साथ सीरिया और रूस के मामले पर भी चर्चा की।’
इससे पहले भारत और रूस में 8 डील पर मुहर लगी। दोनों देशों के नेताओं की बातचीत के बाद विदेश सचिव विजय गोखले और रूसी अधिकारियों के बीच डील के दस्तावेज एक्सचेंज किए। इसके अलावा दोनों देशों के बीच रूबल रुपया डील, हाइ स्पीड रशियन ट्रेन, टैंक रिकवरी वीइकल, रोड बिल्डिंग इन इंडिया, ऑपरेशन ऑन रेलवे, सर्फेस रेलवे ऐंड मेट्रो रेल पर भी बात हुई। दोनों देशों ने आतंकवाद, अफगानिस्तान ऐंड इंडो पेसेफिक इवेंट, क्लाइमेट चेंज के साथ एससीओ, ब्रिक्स, जी20, और असियान जैसे संगठनों को लेकर भी चर्चा की।
क्या है S-400?
यह एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है। S-400 को रूस का सबसे अडवांस लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। इस मिसाइल सिस्टम को अल्माज-आंते ने तैयार किया है, जो रूस में 2007 के बाद से ही सेवा में है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है।
एयर चीफ बीएस धनोआ की मानें तो S-400 भारतीय वायुसेना के लिए एक ‘बूस्टर शॉट’ जैसा होगा। भारत को पड़ोसी देशों के खतरे से निपटने के लिए इसकी खासी जरूरत है। पाकिस्तान के पास अपग्रेडेड एफ-16 से लैस 20 फाइटर स्क्वैड्रन्स हैं। इसके अलावा उसके पास चीन से मिले J-17 भी बड़ी संख्या में हैं। पड़ोसी देश और प्रतिद्वंद्वी चीन के पास 1,700 फाइटर है, जिनमें 800 4-जेनरेशन फाइटर भी शामिल हैं।
स्पेस में बढ़ेगी ताकत
भारत और रूस के बीच स्पेस को-ऑपरेशन मेकेनिज्म पर भी करार हुआ है। इस डील के तहत साइबेरिया में रूसी शहर के पास भारत एक मॉनिटरिंग स्टेशन बनाएगा। पीएम मोदी की ओर से 2022 में चांद में मानव को भेजने के मिशन के ऐलान के बाद यह करार महत्वपूर्ण होगा।