भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद सुलझ गया है। दोनों देशों के बीच परदे के पीछे चल रही कूटनीतिक वार्ताओं के बाद सेनाएं हटाने पर सहमति बन गई। टकराव वाली जगह से सेनाओं का हटना शुरु भी हो गया है।
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया है कि हाल के हफ्तों में भारत और चीन के बीच डोकलाम की घटना के मद्देनजर कूटनीतिक स्तर पर वार्ताएं चल रही थीं। इस बातचीत में हमने अपने हित और चिंताओं पर बात की।
इसके आधार पर यह सहमति बनी है कि डोकलाम से सेनाएं हटाई जाएंगी और यह प्रक्रिया शुरु हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन के लिए प्रस्तावित तीन सितंबर से चीन दौरे के पहले इसे भारत की कूटनीतिक विजय के तौर पर देखा जा रहा है।
कई स्तरों पर चल रही थी बातचीत,ब्रिक्स के लिए बना माहौल
सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव एस जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल की चीनी समकक्ष से लगातार इस मसले पर बातचीत हो रही थी। चीन के रूख देखकर पहले लग रहा था कि ब्रिक्स सम्मेलन के पहले कोई बात नहीं बनेगी लेकिन इससे ब्रिक्स का माहौल बिगड़ने का अंदेशा था।
भारत और चीन दोनों ब्रिक्स के अहम साझेदार हैं। अगर दोनों देशों में गतिरोध नहीं टूटता तो प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिक्स यात्रा पर भी संशय हो सकता था।
बड़ी कूटनीतिक जीत
सूत्रों का कहना है कि ब्रिक्स के अन्य देशों का भी दबाव दोनों देशों पर जल्द विवाद निपटाने को लेकर बना हुआ था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह निश्चित रूप से भारत की कूटनीतिक जीत है। इस विवाद के निपटारे से क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति की स्थापना में मदद मिलेगी।
चीन की ओर से जिस तरह से लगातार युद्ध की धमकी दी जा रही थी उससे माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था। लेकिन भारत लगातार अपनी ओर से संयम बनाए रहा। भारत ने कूटनीतिक विकल्पों को खुला रखा इससे विवाद निपटाने में मदद मिली।
मोदी – जिनपिंग की होगी मुलाकात
ब्रिक्स के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना भी बढ़ गई है।
क्या था विवाद
डोकलाम के ट्राई जंक्शन मिलन बिंदु पर चीन सड़क बनाना चाहता था। पहले भूटान ने इस पर आपत्ति जताई। इसके बाद भूटान के अनुरोध पर भारत ने भूटान सेना के साथ अपनी सेनाएं भेजकर चीन की सड़क बनाने की योजना का विरोध किया।
16 जून से दोनों देशों के बीच लगातार इस मामले पर विवाद चल रहा था। चीन इस इलाके को अपना बता रहा था। जबकि भारत का कहना था कि डोका ला भूटान का हिस्सा है और यह ट्राई जंक्शन है जहां तीनो पक्षों की सहमति के बिना कोई बदलाव नहीं हो सकता।
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 21 अगस्त को कहा था कि भारत और चीन के बीच डोकलाम सीमा विवाद को ‘बेहद जल्द’ सुलझा लिया जाएगा।
सिंह ने कहा, “भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते कायम रखना चाहता है। डोकलाम विवाद का जल्द ही समाधान निकल जाएगा और चीन भी अपनी ओर से सकारात्मक कदम उठाएगा।” चीनी जवानों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने की कोशिश पर भारतीय व चीनी सैनिकों के बीच 15 अगस्त को झड़प हुई थी।यह अपनी तरह की पहली झड़प थी।
इसमें चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी की और भारतीय जवानों ने भी इसका जवाब दिया। इसमें दोनों तरफ के जवान घायल हुए।