दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दे तो 2019 में मांगेंगे मोदी सरकार के लिए वोटः केजरीवाल

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चार दिवसीय विशेष सत्र संपन्न दिल्ली इसी के साथ इस मुद्दे को लेकर 6 जून से बुलाए गए दिल्ली विधानसभा के चार दिवसीय विशेष सत्र का समापन हो गया। इस प्रस्ताव को 6 जून को उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन में चर्चा के लिए रखा था। इस प्रस्ताव पर विपक्ष अपनी बात नहीं रख सका। क्योंकि इस सत्र में विभिन्न मांगों को लेकर हुए हंगामे के बाद अक्सर विपक्ष सदन से बाहर ही रहा। सत्ता पक्ष के सभी मंत्रियों तथा प्रमुख विधायकों ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। जिन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य की जरूरत पर बल दिया। दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य क्यों जरूरी है। इस विषय पर केजरीवाल ने सोमवार को अपनी बात रखी। उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा में भाग लेने के दौरान कई बार उपराज्यपाल और केंद्र सरकार को कोसा। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली पूर्ण राज्य होती तो आज न ही केंद्र सरकार और न ही उपराज्यपाल दिल्ली के काम रोक पाते। उन्होंने नारा दिया कि उपराज्यपाल दिल्ली के काम नहीं होने देते हैं तो वे दिल्ली को छोड़ें। उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली के काम रोके जा रहे हैं। एक निर्वाचित सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा है। दिल्ली 1 लाख 30 हजार करोड़ का टैक्स केंद्र को देती है जबकि उसे बदले में 325 करोड़ मिलते हैं। केजरीवाल ने कहा कि यदि टैक्स का 30 फीसद भी मिल जाए तो 5 साल में हर दिल्ली वाले को घर बनाकर दे देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली पूर्ण राज्य बन जाए तो 5 साल में एक सौ कॉलेज व कई स्कूल खोल देंगे।]]>

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