मोदी सरकार को तीन तलाक पर बड़ी कामयाबी मिली है। लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद तीन तलाक पर ऐतिहासिक ‘मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज’ बिल पास हो गया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक को पेश किया। बिल के खिलाफ सारे 19 संशोधन खारिज हो गए।
एमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भी 2 संशोधन थे। ओवैसी के पक्ष में दो और विरोध में 247 वोट पड़े।इसके साथ ही बीजू जनता दल के सांसद भ्रातृहरि महताब और कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव का संशोधन प्रस्ताव भी वोटिंग में खारिज हो गए।
इसके बाद बिल के पक्ष में हुई वोटिंग में ये पास हो गया। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इसकी जानकारी देते हुए सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस ने इसमें कुछ खामियों का उल्लेख करते हुए स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग की जिसे सरकार ने ठुकरा दिया।
तीन तलाक को खत्म करने वाला कानून
इसका मसौदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले एक अंतर-मंत्री समूह ने तैयार किया है। प्रस्तावित कानून एक बार में तीन तलाक या ‘तलाक ए बिद्दत’ पर लागू होगा। इसके तहत पीड़िता अपने व अपने नाबालिग बच्चों के लिए संरक्षण व गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है।
इस मामले पर मजिस्ट्रेट अंतिम फैसला करेंगे। इसके तहत किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा। तीन तलाक गैरकानूनी होगा और ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है।