Health Minister Mansukh Mandaviya: बोले- AY.4.2 वैरिएंट को लेकर चल रही है जांच

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नई दिल्ली। Health Minister Mansukh Mandaviya  दुनिया के कई देशों में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस के नए वैरिएंट AY.4.2 को लेकर भारत पूरी तरह से सतर्क है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर एक टीम इसकी जांच में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) और नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीमों पर विभिन्न प्रकारों का अध्ययन और विश्लेषण का जिम्मा है।

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कोवैक्सिन की मंजूरी आज की बैठक के आधार पर दी जाएगी

विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कोवैक्सिन की मंजूरी पर मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की एक प्रणाली है जिसमें एक तकनीकी समिति होती है, जिसने कोवैक्सिन को मंजूरी दे दी है जबकि दूसरी समिति की आज बैठक हो रही है। कोवैक्सिन की मंजूरी आज की बैठक के आधार पर दी जाएगी।

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में देश को किसी भी महामारी से लड़ने में सक्षम बनाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन पर 5 साल में 64,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसमें लक्ष्य है कि ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी लेबोरेटरी हो। इस योजना में अगले 5 साल में एक जिले में औसतन 90-100 करोड़ का खर्च किया जाएगा

देश में लगभग 79,000 से अधिक केंद्रो का उद्घाटन

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर कहा कि कैंसर, मधुमेह जैसी बीमारियों के इलाज और प्राथमिक स्तर पर जांच के लिए हमने 1,50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। देश में लगभग 79,000 से अधिक केंद्रो का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने 157 नए मेडिकल कालेजों को मंजूरी दी है…मेडिकल छात्रों के लिए सीटें लगभग दोगुनी हो गई हैं… हमने लोगों को किफायती इलाज सुनिश्चित करने के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम किया है।

पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन’ योजना की शुरुआत

पीएम मोदी ने सोमवार को ‘पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन’ योजना की शुरुआत की थी। पीएम ने इसे पूरे देश में स्वास्थ्य के मूलभूत ढांचे को ताकत देने और भविष्य में महामारियों से बचाव की उच्चस्तरीय तैयारी का हिस्सा करार दिया था। सरकार के मुताबिक, इस योजना के तहत हर जिले में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा। इसके साथ बढ़े हुए निवेश के जरिए संपूर्ण क्षमता को विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार 5 सालों के दौरान 64,180 करोड़ रुपये खर्च होगी।

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