किसान सरकार के आश्वासन को नहीं करेंगे स्वीकार

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नई दिल्ली: दिल्ली में प्रवेश को आमादा किसानों को दिल्ली-यूपी सीमा पर रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए हैं और लाठीचार्ज भी किया गया है। इसे लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोल दिया है। केंद्र और यूपी सरकार ने किसानों के उग्र होते आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए बैठक और बातचीत की तमाम कोशिशें की हैं। इसी क्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत और यूपी सरकार के मंत्री सुरेश राणा किसानों से मिलने पहुंचे थे।

गजेंद्र शेखावत ने किसानों से मुलाकात के बाद सरकार की तरफ से आश्वासन देते हुए कहा कि किसानों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। हालांकि केंद्रीय राज्य मंत्री का यह आश्वासन असर दिखाता नहीं दिख रहा। इस आश्वासन के तुरंत बाद भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया है कि वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार से 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बात हुई। सरकार 7 मांगों पर सहमत है लेकिन अबतक 4 मांगों पर सहमति नहीं जताई गई है। प्रवक्ता के मुताबिक सरकार ने कहा कि ये मांगें वित्तीय मामलों से जुड़ी हैं, जिनपर आगे होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों की मुख्य मांगों पर ही अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है।

कई किसान घायल

आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार से घायल किसानों को अस्पताल में कराया गया है। लाठीचार्ज में करीब 30 किसान घायल हो गए थे। अस्पताल में घायल किसानों का प्राथमिक इलाज चल रहा है। वहीं संघर्ष में गांव कसेरू चंडौस निवासी 65 वर्षीय राधेसिंह के सीने पर रबर बुलेट लगी। रबर बुलेट लगने से वह बेहोश हो गए थे। अस्पताल में डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। इससे पहले पुलिस ने बैरीकेड तोड़ने से रोकने के लिए किसानों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया था। बावजूद किसान नहीं माने और ट्रैक्टर चढ़ाकर बैरीकेड़ तोड़ दिए।

विफल रही थी सीएम से वार्ता

पुलिस द्वारा बल प्रयोग करने पर ज्यादातर किसान यूपी गेट पर बैरिकेड के सामने बैठ गए हैं। किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर अपनी मांगे रखने पर अड़े हुए हैं। किसान दिल्ली के किसान घाट जाने पर अड़े हुए हैं। सोमवार शाम यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर उन्हें समझाने का प्रयास किया था, लेकिन वह भी असफल रहे थे।

क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं

यूपी गेट पर रोके जाने से नाराज भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी नरेश टिकैत ने अधिकारियों से पूछा है कि उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उनकी रैली पूरे अनुशासन के साथ बढ़ रही है। अगर हम अपनी समस्याएं अपनी सरकार के सामने नहीं रखेंगे तो किससे कहेंगे। क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं।

दिल्ली की सीमाएं सील

बता दें कि किसान क्रांति यात्रा को लेकर दिल्ली जा रहे 50 हजार किसानों को रोकने के लिए राजधानी की सभी सीमाएं पहले ही सील कर दी गईं थीं। इससे दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों पर भीषण ट्रैफिक जाम लग गया है। किसानों की रैली किसी भी रास्ते से दिल्ली में प्रवेश न कर सके, इसके लिए सभी रास्तों पर भारी पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ही घोषणा कर दी थी कि किसानों की रैली को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सोमवार शाम को ही एनएच-24 समेत दिल्ली के अन्य प्रमुख मार्गों पर बैरीकेडिंग कर रास्ते सील कर दिए थे।

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