Congress Contemplation Camp: चिंतन शिविर भी नहीं फूंक सका कांग्रेस में जान

409

अहमदाबाद। Congress Contemplation Camp: उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर (Congress Contemplation Camp) के बाद पंजाब, गुजरात व दिल्ली में 3 बड़े नेताओं के कांग्रेस छोड़ने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला अपना दुख बयां करते हुए कहा है कि जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की बात कही थी तब कांग्रेस से किसी ने एक फोन तक नहीं किया। वाघेला का यह भी दावा है कि अभी और कई नेता कांग्रेस को छोड़ने वाले हैं।

Disproportionate Income Case: ओम प्रकाश चौटाला को 4 साल की सजा

कई नेता दिग्गज नेता पार्टी छोड़कर जा रहे है

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के कभी अध्यक्ष रहे शंकर सिंह वाघेला ने कहा है कि कांग्रेस में मानवीय स्पर्श की कमी है। कोई भी संस्था या संगठन एक जीवित शरीर की तरह होता है जिसे ह्यूमन टच की जरूरत होती है। अगर पार्टी के बड़े नेता अपने से छोटे नेता एवं कार्यकर्ताओं से आत्मीयता पूर्वक बात नहीं करेंगे उनसे मिलेंगे नहीं तो संगठन को लगातार मजबूत एवं जीवित रखना आसान नहीं है। वाघेला ने कहा कि वर्तमान में कांग्रेस की स्थिति ही ऐसी ही है वहां कोई देखने सुनने वाला नहीं है, जी-3 समूह कोई कांग्रेस विरोधी नहीं है वह ऐसे नेताओं का संगठन है जो पार्टी में सकारात्मक बदलाव चाहता है। इस समूह से जुड़े नेताओं ने अपना पूरा पूरा जीवन कांग्रेस के लिए समर्पित किया है कांग्रेस की विचारधारा के प्रति वे आज भी समर्पित लेकिन संगठन में अगर उनकी सुनी ही नहीं जाएगी तो वह क्या कर सकते हैं।

कांग्रेस चिंतन शिविर के बाद इन नेताओं ने छोड़ी पार्टी

वाघेला का कहना है कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़, गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने अपने आप कांग्रेस नहीं छोड़ी है, पार्टी में व्याप्त संवाद हीनता के कारण उनको ऐसा करना पड़ा है। वाघेला ने कहा कि सिब्बल ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी राज्यसभा के लिए पर्चा भरा है समाजवादी पार्टी ने उनका समर्थन किया है उन्होंने 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा देने की बात कही है कांग्रेस के खिलाफ उन्होंने कोई बयान बाजी नहीं की। वाघेला उनका यह उदाहरण देकर भी बचाव करते हैं कि भाजपा के वरिष्ठ नेता राम जेठमलानी भी भाजपा के अलावा राष्ट्रीय जनता दल के समर्थन से भी राज्यसभा में पहुंचे थे।

जानें- कपिल सिब्बल ने क्यों छोड़ी पार्टी

वाघेला का कहना है कि जब बतौर विपक्ष सही मुद्दों पर बात नहीं हो रही हो तथा किसी नेता को ऐसा लगता है कि वह राज्य सभा में पहुंचकर जनता के लिए सही मुद्दों को उठाना चाहता है तो उनके लिए और दूसरा कोई रास्ता नहीं बचता है। वाघेला का मानना है कि कांग्रेस से कपिल सिब्बल को राज्य सभा सदस्य बनाए जाने का कोई संदेश नहीं मिला होगा तथा सिब्बल को भी यह महसूस हुआ होगा कि अब उन्हें अपने लिए अलग रास्ता तैयार कर लेना चाहिए। वाघेला का दावा है कि कांग्रेस से अभी और कई नेता अलग होने वाले हैं। इसी के साथ उन्होंने यह भी दावा किया कि 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की बात कही तो कांग्रेस से किसी ने उन्हें फोन तक नहीं किया।

UP Budget 2022: बजट में विकास की हर योजना पर फोकस

Leave a Reply