Chandrayaan-3 Launch : चंद्रयान-3 दोपहर ढाई बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। 23-24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। हालांकि, ये तारीख आगे-पीछे भी हो सकती है। हो सकता है कि सितंबर में हो। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। वहीं, पीएम मोदी ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दी और कहा कि आज का दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा।
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Chandrayaan-3 Launch : तेमजेन ने अमिताभ बच्चन का वीडियो किया शेयर
भाजपा नेता तेमजेन इम्ना अलोंग ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर अभिनेता अमिताभ बच्चन का एक वीडियो शेयर किया है।
राजनाथ सिंह बोले- भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देगा यह मिशन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की (Chandrayaan-3 Launch) लॉन्चिंग नए भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है। यह मिशन सफल हो, इसके लिए इसरो की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
Chandrayaan 3: लॉन्चिंग देखने पहुंचे 200 स्कूली छात्र
चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण (लॉन्च) को देखने के लिए 200 से अधिक स्कूली छात्र आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे हैं। एक छात्रा ने कहा कि मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं कल्पना चावला की तरह अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती हूं।
Chandrayaan 3: चंद्रयान मिशन लॉन्च की उल्टी गिनती ‘बढ़ रही’
इसरो ने कहा कि देश की महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन चंद्रयान 3 के लिए उल्टी गिनती शुक्रवार को दोपहर 2.35 बजे निर्धारित लॉन्च के लिए ‘प्रगति’ पर है। इसरो ने मिशन के बारे में एक अपडेट में कहा कि ‘एलवीएम3-एम4 और चंद्रयान-3 मिशन’ की श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में उल्टी गिनती जारी है। लॉन्च के लिए 25.30 घंटे की उलटी गिनती गुरुवार दोपहर 1.05 बजे शुरू हुई थी।भारी पेलोड ले जाने की क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा ‘फैट बॉय’ करार दिए गए एलवीएम3-एम4 रॉकेट को चेन्नई से लगभग 135 किमी दूर स्थित इस स्पेसपोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से दोपहर 2.35 बजे लॉन्च किया जाना है।
Chandrayaan 3: लॉन्चिंग के बाद 1627 किमी होगी रफ्तार
आज दोपहर 2.35 बजे जब रॉकेट बूस्टर को लॉन्च किया जाएगा तो इसकी शुरुआती रफ्तार 1627 किमी प्रति घंटा होगी। लॉन्च के 108 सेकंड बाद 45 किमी की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा और रॉकेट की रफ्तार 6437 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। आसमान में 62 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो जाएंगे और रॉकेट की रफ्तार सात हजार किमी प्रति घंटा पहुंच जाएगी।
Chandrayaan 3 launch: 16 मिनट में पृथ्वी की बाहरी कक्षा तक पहुंचेगा
क्रॉयोजनिक इंजन स्टार्ट होने के बाद रॉकेट की रफ्तार 36,968 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो जाएगा और धीरे-धीरे अपना ऑर्बिट बढ़ाकर चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा।
Chandrayaan 3: पीएम मोदी बोले- आज का दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे चंद्रयान मिशन के लिए शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, तो 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3 हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएं! मैं आप सभी से इस मिशन और अंतरिक्ष, विज्ञान और नवाचार में हमारे द्वारा की गई प्रगति के बारे में अधिक से अधिक जानने का आग्रह करता हूं। यह आप सभी को बहुत गौरवान्वित करेगा।
Chandrayaan 3 Launch: अनुपम खेर ने इसरो को दीं शुभकामनाएं
अनुपम खेर ने इसरो को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा, भारत चंद्रमा पर अपने तीसरे मिशन के लिए पूरी तरह तैयार है। इसरो के हमारे वैज्ञानिकों को चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए शुभकामनाएं। झंडा ऊंचा रहे हमारा। जय हिंद!
Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 में गोदरेज एयरोस्पेस का प्रमुख योगदान
चंद्रयान-3 में गोदरेज एयरोस्पेस का भी महत्वपूर्ण योगदान है। चंद्रयान-3 को ले जाने वाले रॉकेट के दूसरे चरण के दो इंजन गोदरेज एयरोस्पेस ने बनाए हैं। गोदरेज एयरोस्पेस के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट और बिजनेस हेड मानेक बहरामकामदिन ने बताया, चंद्रयान-3 एक बहुत ही प्रतिष्ठित मिशन है, गोदरेज ने दो इंजनों के लिए हार्डवेयर में योगदान दिया है, जो दूसरे चरण के इंजन हैं।
Chandrayaan 3 launch: चंद्रयान के लिक्विड इंजन में ईंधन भरने का काम पूरा
इसरो ने बताया कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR) में मिशन चंद्रयान-3 की उलटी गिनती जारी है। एल-110 चरण ((लिक्विड इंजन)) में प्रणोदक भरने का काम पूरा हो गया है। इसरो का कहना है कि सी-25 चरण ((क्रॉयोजनिक इंजन)) में प्रणोदक भरना शुरू हो रहा है।
कौन हैं वीरमुथुवेल?
तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के एक परिवार से नाता रखने वाले वाले वीरमुथुवेल प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मद्रास) के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने पीएचडी भी कर रखी है। चंद्र मिशन (Chandrayaan-3 Launch) के परियोजना निदेशक के रूप में वीरमुथुवेल ने वनिता का स्थान लिया है, जो तत्कालीन इसरो प्रमुख के सिवन के नेतृत्व में चलाए गए चंद्रयान -2 मिशन की परियोजना निदेशक थीं। वनिता इसरो के इतिहास में इस पद काबिज हुई पहली महिला थीं। पहले चंद्रयान मिशन का नेतृत्व करने के बाद मयिलसामी अन्नादुरई को ‘मून मैन ऑफ इंडिया’ की पदवी दी गई। वह भी तमिलनाडु से नाता रखते थे। दिलचस्प तथ्य यह है कि पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्होंने भारत के रॉकेट कार्यक्रम का नेतृत्व किया, वह भी तमिलनाडु के रामेश्वरम से थे।
च्रंद्रयान का तमिलनाडु से अनोखा नाता
वर्ष 2008 में पहले चंद्र मिशन (Chandrayaan-3 Launch) के साथ शुरू हुई चंद्रयान श्रृंखला के बारे में एक अनोखी समानता उसका तमिलनाडु से संबंध है। तमिलनाडु में जन्मे मयिलसामी अन्नादुरई और एम वनिता के चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 का नेतृत्व करने के बाद, अब विल्लुपुरम के मूल निवासी पी वीरमुथुवेल तीसरे मिशन की निगरानी कर रहे हैं। वीरमुथुवेल (46) वर्तमान में सोमनाथ के नेतृत्व में चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक हैं। एस सोमनाथ की अध्यक्षता में इसरो का मकसद उन विशिष्ट देशों की सूची में शामिल होना है, जिन्होंने चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में महारत हासिल कर ली है।
किताब की प्रस्तावना खुद सोमनाथ ने लिखी
कोझिकोड स्थित लिपि बुक्स (Lipi Books) द्वारा प्रकाशित ‘प्रिज्म’ अंतरिक्ष विज्ञान, खगोल विज्ञान, जीव विज्ञान, मानव विज्ञान और गणित सहित विज्ञान की विभिन्न धाराओं के 50 दिलचस्प लेखों का संकलन है। इसमें विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है जैसे जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन, डार्क स्काई पर्यटन, ब्लैक होल पुष्टिकरण, कुत्ते लाइका की पहली अंतरिक्ष यात्रा इत्यादि। 167 पन्नों की इस किताब की प्रस्तावना सोमनाथ ने खुद लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यह “विज्ञान के चमत्कारों” से भरपूर है। ‘प्रिज्म’ विज्ञान के सौंदर्य और काव्यात्मक पहलुओं की खोज है और यह आम लोगों को विज्ञान के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करने और इसकी सुंदरता को महसूस करने में मदद करेगा।
चंद्रयान-3 लॉन्चपैड पर अनूठी पुस्तक का हुआ विमोचन
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता और लेखक विनोद मनकारा की नई किताब श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में रॉकेट लॉन्चपैड से जारी की गई। विज्ञान लेखों के संग्रह ‘प्रिज्म: द एनसेस्ट्रल एबोड ऑफ रेनबो’ का अनोखा लॉन्च कार्यक्रम गुरुवार शाम एसडीएससी-शार (SDSC-SHAR ) में आयोजित किया गया।जहां देश के बहुप्रतीक्षित चंद्रमा मिशन चंद्रयान -3 के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही थीं। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पुस्तक को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर को सौंपकर जारी किया।
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