पठानकोट, सरहद पर तनाव के बीच भारतीय वायुसेना मंगलवार को पठानकोट एयरबेस पर आठ अपाचे हेलिकॉप्टरों को तैनात करेगी। यह फैसला पठानकोट एयरबेस के रणनीतिक महत्व को देखते हुए लिया गया है। यह एयरबेस पाकिस्तानी सीमा के करीब स्थित है। वायुसेना के अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए लांचिंग समारोह का आयोजन कराया जाएगा, जिसमें मुख्य अतिथी के तौर पर वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ शामिल होंगे।
वायुसेना के लड़ाकू क्षमता में बढ़ोतरी होगी
AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक है। इसे अमेरिकी सेना भी इस्तेमाल करती है है। भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपाचे अटैक के आठ हेलीकॉप्टरों को पठानकोट एयरबेस पर तैनाती तय है। इससे वायुसेना के लड़ाकू क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
2015 में हुआ था अनुबंध
वायुसेना ने 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ अनुबंध किए थे। बोईंग द्वारा 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टरों में से पहले चार को वायुसेना को सौंप दिया गया था। हिंडन एयर बेस पर भारतीय वायुसेना के अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी लगभग इस सौदे के लगभग चार साल बाद हुई थी। इसके अतिरिक्त, रक्षा मंत्रालय ने साल 2017 में सेना के लिए 4,168 करोड़ रुपये की लागत से बोइंग से छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी।
22 अपाचे हेलिकॉप्टर के बेड़े को संचालित करेगी वायुसेना
यह हेलिकॉप्टरों का इसका पहला बेड़ा होगा। 2020 तक, भारतीय वायुसेना 22 अपाचे हेलिकॉप्टर के बेड़े को संचालित करेगी। हेलिकॉप्टर पहली डिलीवरी तय समय से पहले हुई। भारतीय वायु सेना के लिए AH-64E अपाचे ने जुलाई 2018 में पहली सफल उड़ान पूरी की थी। भारतीय वायु सेना के पहले बैच ने 2018 में अमेरिका में अपाचे को उड़ाने के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू किया था।
भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है
वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर के आने से वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी। इस हेलिकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है। बोइंग ने दुनिया भर में 2,200 से अधिक अपाचे हेलिकॉप्टर का सौदा किया है। भारत इसे इस्तेमाल करने वाला 14वां देश होगा।
पहाड़ों और जंगलों में दुश्मनों से मुकाबला करने में कारगर
इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि ये विमान पहाड़ों और जंगलों में आतंकवादियों और दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए भी कारगर होते हैं। इसके अलावा, अपाचे हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के एडवांस्ड अटैक हेलीकॉप्टर प्रोग्राम का हिस्सा है।
ये है खूबी
- अपाचे दुनिया भर में मल्टि रोल कांबेट हेलिकॉप्टर के तौर पर जाना जाता है।
- विमान को लंबे समय से अमेरिकी सेना में इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अब इसका इस्तेमाल करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
- दुनिया भर में कंपनी ने अब तक 2,100 अपाचे हेलिकॉप्टर्स की सप्लाई की है।
- भारतीय वायुसेना में अपाचे पहला ऐसा हेलिकॉप्टर है जो विशुद्ध रूप से हमले करने का काम करेगा।
- वायुसेना रूस निर्मित एमआई-35 का इस्तेमाल वर्षों से कर रही है, लेकिन यह अब रिटायरमेंट के कगार पर है।
- अपाचे को इस तरह से बनाया गया है कि दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है।