Amrit Festival of Independence: PM मोदी बोले- ये सोते हुए सपने देखने का नहीं

554

नई दिल्ली। Amrit Festival of Independence:  देश में आज से ‘आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Festival of Independence) से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। मोदी ने बटन दबाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। पीएम ने इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित भी किया।

Late CDS Rawat: के भाई ने मुख्यमंत्री धामी से की मुलाकात

‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम की शुरुआत

पीएम मोदी ने कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Festival of Independence) से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है। इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं। मोदी ने आगे कहा कि आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो। हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं।

मोदी ने कहा, ‘दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहां गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियां समाज को ज्ञान देती थीं। कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं। अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं। कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी। आज देश लाखों स्वाधीनता सेनानियों के साथ नारी शक्ति के योगदान को याद कर रहा है।’

ये ज्ञान, शोध और इनोवेशन का समय

मोदी ने कहा कि अमृत काल का ये समय हमारे ज्ञान, शोध और इनोवेशन का समय है। हमें एक ऐसा भारत बनाना है जिसकी जड़ें प्रचीन परंपराओं और विरासत से जुड़ी होगी और जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक होगा।

लोकतंत्र में बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी

मोदी ने कहा कि देश के लोकतंत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। 2019 के चुनाव में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया। आज देश की सरकार में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां महिला मंत्री संभाल रही हैं। अब समाज इस बदलाव का नेतृत्व खुद कर रहा है। हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है, अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है और साथ ही, टेक्नोलाजी, इनफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है।

ये संकल्प पूरे करने का समय

पीएम ने आगे कहा, ‘अमृतकाल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं। हमें ये भी मानना होगा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों में, हमारे समाज में, हमारे राष्ट्र में, एक बुराई सबके भीतर घर कर गई है। ये बुराई है, अपने कर्तव्यों से विमुख होना, अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि न रखना। बीते 75 वर्षों में हमने सिर्फ अधिकारों की बात की, अधिकारों के लिए झगड़े, जूझे, समय खपाते रहे। अधिकार की बात, कुछ हद तक, कुछ समय के लिए, किसी एक परिस्थिति में सही हो सकती है लेकिन अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाना, इस बात ने भारत को कमजोर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।’

पीएम ने दिखाई सात पहलों को हरी झंडी

कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने ब्रह्म कुमारियों की सात पहलों को बटन दबाकर हरी झंडी दिखाई। इनमें मेरा भारत स्वस्थ भारत, आत्मानिर्भर भारत: आत्मनिर्भर किसान, ‘महिलाएं: भारत की ध्वजवाहक’, अनदेखा भारत साइकिल रैली, एकजुट भारत मोटर बाइक अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहलें शामिल हैं। इस कार्यक्रम के दौरान ग्रैमी अवार्ड विजेता रिकी रेज द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित एक गाना भी जारी किया जाएगा।

एयर इंडिया ने बताया कि अमेरिका में उड़ान भरने वाले बी777 के मामले को सुलझा लिया गया है (फाइल फोटो)
फिर शुरू हुआ बी777 का संचालन, 5जी विवाद के चलते एयर इंडिया ने रद कर दी थीं US जाने वाली उड़ानें
यह भी पढ़ें

विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है ब्रह्म कुमारी

ब्रह्म कुमारी एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है। ये आंदोलन व्यक्तिगत परिवर्तन और विश्व नवीनीकरण को समर्पित है। भारत में इसकी स्थापना साल 1937 में हुई थी। ये आंदोलन 130 से अधिक देशों में फैल चुका है।

Coronavirus Updates: देश में कोरोना वायरस के 2,82,970 नए मामले आए सामने

Leave a Reply