वाशिंगटन। कोरोना वायरस के टेस्ट कराने को लेकर अमेरिका में फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration) ने सभी राज्य अधिकारियों को अधिकार दे दिया कि राज्य की प्रयोगशालाओं में कोरोना का विकसित परीक्षण टेस्ट करा सकते हैं। यूएस के प्रशासन अधिकारियों के तरफ से न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि इसका मकसद यूनाइटेड स्टेट में ज्यादा से ज्यादा जांच क्षमता बढ़ाना है।
अधिकारियों ने बताया कि नई नीति से सभी राज्य की प्रयोगशालाओं में कोरोना के टेस्ट आयोजित करने को लेकर उनकी जिम्मेदारी का विकल्प प्रदान करेगी। न्यूयॉर्क के राज्य स्वस्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले हफ्ते ही एफडीए ने इस फैसले को स्वीकार किया। इस दौरान बताया कि सभी राज्य में इस टेस्ट से संबंधित ऐसी प्रणाली स्थापित कर सकते हैं, जिसमें ऐसे परीक्षणों और प्रयोगशालाओं की निगरानी रखने का अधिकार होगा।
यह एफडीए से अलग कार्य करेगा। मूल रूप से सभी राज्य को यह शक्ति प्रदान की गई है कि वह इस प्रक्रिया का नियत्रंण कर सकें। एफडीए इस प्रकिया में हस्तक्षेप नहीं करेगा। अधिकारियों ने बताया कि सभी राज्य सरकार इसकी अनुमोदन प्रकिया को देखेंगे।
बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस के चलते सभी बार, थियेटर स्कूल को बंद करने का फैसला लिया गया है। चीन के वुहान से फैले इस वायरस से वैश्विक तौर पर 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत चुकी है जबकि 1 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। अमेरिका में 50 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस वायरस का टेस्ट कराया, जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन उनके प्रशासन में कई लोग इस संक्रमित हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरह से अमेरिका ने भी इस वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। इस महामारी का अभी कोई कारगर इलाज नहीं मिल पाया है।