अलीगढ़: डीजल के नाम पर जिले में कालाबाजारी, घटतौली और मिलावटी तेल का धंधा कम नहीं हो रहा है। बड़े पैमाने पर गांव-गांव खुलेआम परचून की दुकानों पर मिलावटी डीजल-पेट्रोल बेचा जा रहा है। इससे ग्राहकों की जेब तो ढीली हो ही रही है, वाहनों की सेहत पर भी खराब असर पड़ रहा है। हर गांव में दो-चार दुकानों पर अवैध रूप से डीजल-पेट्रोल बेचे जा रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार अफसर आंखें मूंदे बैठे हैं। कार्रवाई के नाम पर महज खाना पूर्ति करके ही फाइलों को बंद कर दिया जाता है। जिला पूर्ति अधिकारी चमन शर्मा का कहना है कि विभाग इसको लेकर पूरी तरह गंभीर है। कुछ लोग चिह्नित किए गए हैं। जल्द ही इनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई होगी।
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अवैध है बिक्री
जिले में 150 के करीब पेट्रोल पंप हैं, जबकि 25 के करीब पेटी डीलर हैं। अधिकांश पंप शहर व कस्बों के नजदीक हैं। इसी का फायदा उठाकर देहात क्षेत्र में परचून की दुकानों पर ही पेट्रोल-डीजल की खुलेआम बिक्री हो रही है। इसमें अधिकांश स्थानों पर मिलावटी तेल की बिक्री हो रही है।
20 रुपये ज्यादा
इस मिलावटी पेट्रोल पंप व डीजल की बिक्री में जमकर वसूली का खेल चलता है। पंप के हिसाब से 20 से 25 रुपये तक ज्यादा कीमत ली जाती है। घटतौली भी खूब होती है। इसके बाद भी महीने में महज एक-दो पंप की जांच कर अफसर कार्यालय में आकर बैठ जाते हैं। परचून की दुकानों पर कार्रवाई नहीं हो पाती है।
रिटेल आउटलेट पंप पर छापा, भरे गए नमूने
शुक्रवार के अंक में दैनिक जागरण ने ‘मेरठ के बाद मिलावटी तेल का हब बन रहा अलीगढ़Ó शीर्षक से मिलावट के खेल का प्रमुखता से भंडाफोड़ किया था। इसके बाद आपूर्ति विभाग की टीम हरकत में आ गई। डीएसओ चमन शर्मा के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई की। कंपनी के बिक्री अधिकारी के साथ ही बांट माप निरीक्षक भी शामिल रहे। जांच टीम के सामने आया कि पंप पर शौचालय गंदा था। फ्री हवा वाली मशीन भी खराब थी। डीएसओ ने बताया कि पंप के निरीक्षण की जांच रिपोर्ट बना ली गई है। अब इसे डीएम के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।