मुंबई। Maharashtra : महाराष्ट्र की सियासत में हलचल जारी हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार और उनके गुट के एनसीपी विधायक लगातार दूसरे दिन पार्टी अध्यक्ष शरद पवार से मिलने मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर पहुंचे। इससे चाचा-भतीजे में सुलह होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
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रविवार को भी चाचा से मिलने पहुंचे थे अजित
इससे पहले, अजित पवार रविवार को भी प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, अदिति तटकरे और हसन मशरिफ के साथ पवार से मिलने वाईबी चव्हाण सेंटर पहुंचे थे। इस दौरान शरद पवार गुट से जयंत पाटिल और जितेंद्र अव्हाद भी मौजूद थे।
NCP के 27 विधायक पहले दिन सत्र में हुए शामिल
NCP के 53 में से 27 विधायक सोमवार को पहले दिन महाराष्ट्र विधानमंडल (Maharashtra) के मानसून सत्र में शामिल नहीं हुए। एनसीपी के एक विधायक नवाब मलिक वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
अजित पवार समेत 24 विधायक सत्र में हुए शामिल
सत्र में भाग लेने वाले एनसीपी के 24 विधायकों में से उपमुख्यमंत्री अजित पवार, कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुश्रीफ, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल और धर्मराव अत्राम सत्ता पक्ष में बैठे थे। अन्य विधायक जिन्होंने अजित पवार को अपना समर्थन दिया और सदन में मौजूद थे, वे थे बबनराव शिंदे, इंद्रनील नाइक, प्रकाश सोलंखे, किरण लाहमाते, सुनील शेल्के और सरोज अहिरे। विपक्ष की ओर से एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल (शरद पवार खेमे से), विधायक बालासाहेब पाटिल, प्राजक्त तनपुरे, सुनील भुसारा, मानसिंग पवार, सुमन पाटिल, रोहित पवार, राजेश टोपे, अशोक पवार और अनिल देशमुख बैठे थे।
जितेंद्र अव्हाद ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र
एनसीपी (शरद पवार खेमे) के मुख्य सचेतक जितेंद्र अव्हाद ने रविवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पत्र लिखकर सत्र के लिए अजित पवार खेमे के सदस्यों और पार्टी के बाकी विधायकों के लिए अलग बैठने की व्यवस्था करने की मांग की। पत्र में आव्हाड ने कहा कि अजित पवार सहित नौ विधायकों को छोड़कर, जो सरकार में शामिल हुए हैं, एनसीपी विपक्ष का हिस्सा है। शपथ लेने वाले नौ विधायकों को छोड़कर अन्य के लिए बैठने की व्यवस्था अलग से की जानी चाहिए। एनसीपी विपक्ष में है। हम विपक्ष में बैठना चाहते हैं।
नार्वेकर ने हाल ही में कहा था कि एनसीपी के मामले (Maharashtra) में कौन सत्ता में है और कौन नहीं, इसके बीच कोई स्पष्ट अंतर नहीं है। उन्होंने कहा था, ”इस बात पर बहुत विचार-विमर्श और बहस होगी कि कैसे तय किया जाए कि वास्तविक एनसीपी का प्रतिनिधित्व कौन करता है।” दो जुलाई को अजित पवार एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में डिप्टी सीएम के रूप में आठ अन्य एनसीपी विधायकों के साथ कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए।
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