Indian Institute of Technology (IIT) में पढ़ाई करने का सपना हर इंजीनियर देखता है. वहीं इसमें एडमिशन के लिए भी स्टूडेंट्स को काफी मेहनत करनी पड़ती है. कड़ी मेहनत के बाद यहां एडमिशन मिल पाता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले एक साल में IIT के 889 स्टूडेंट्स को खराब परफॉर्मेंस की वजह से बाहर निकाल दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ स्टूडेंट्स ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी. जिसकी वजह ये बताई गई है कि मुश्किल पढ़ाई की के कारण वह अपनी पर्सनल जीवन में भी परेशान रहते हैं. M.Tech और MSC की पढ़ाई को बीच में छोड़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 630 है.
बतादें देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थान आईआईटी में एडमिशन के लिए बच्चे दिन रात एक कर देते हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स IIT की पढ़ाई बीच में छोड़ रहे हैं जो एक चिंता का विषय है. 63 B.Tech प्रोग्राम के स्टूडेंट्स ने IIT को बीच में छोड़ा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पोस्ट ग्रेजुएशन और PHD के कारण अलग-अलग हैं. PHD में 196 छात्रों ने अपना शोध कार्य अधूरा छोड़ दिया. फिर सभी स्टूडेंट्स ने बीएचयू, मद्रास और गांधी नगर में अपनी पढ़ाई पूरी की है.
खर्च होते है 7 लाख से 15 लाख रुपये
सूत्रों का कहना है कि IIT स्टूडेंट्स के बीच में पढ़ाई छोड़ने से सरकार और देश को काफी नुकसान झेलना पड़ता है. B.Tech और Phd के एक स्टूडेंट को तैयार करने में सरकार का 7 लाख से 15 लाख रुपये तक खर्च आता है. जबकि एक छात्र से प्रति वर्ष फीस के रूप में महज 30-35 हजार रुपये लिए जाते हैं. ऐसे में बीच में पढ़ाई छोड़ने पर सरकार का धन बर्बाद हो जाता है.