प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक तरह से चेतावनी देते हुए मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि वे आंदोलनरत किसानों को नाराज न करें। मलिक ने अपने गृह जिले बागपत में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे दी जाए तो आंदोलन खत्म हो जाएगा। मलिक ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए इशारों में चेतावनी भी दे डाली। मलिक ने कहा कि सरदार किसी बात को 300 साल तक याद रखते हैं। मेघालय के गवर्नर ने यह भी दावा किया कि जनवरी के आखिरी दिनों में सरकार भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने वाली थी और उन्होंने इसे रुकवाया। उन्होंने अपने भाषण में चार ऐसी बातें कहीं जो थोड़ी अलग हैं।
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‘मैंने रुकवाई राकेश टिकैत की गिरफ्तारी’
बागपत के कार्यक्रम में मलिक ने कहा, “किसानों के मामले पर जब मैंने देखा कि क्या-क्या हो रहा है तो मैं रुक नहीं सका, मैं बोला। मैंने माननीय प्रधानमंत्री और गृहमंत्री, दोनों को कहा कि दो मेरी प्रार्थना है। एक तो इनको (किसानों) दिल्ली से खाली हाथ मत भेजना क्योंकि ये सरदार लोग 300 साल तक याद रखते हैं और दूसरे इनपर बलप्रयोग मत करना। जिस दिन (राकेश) टिकैत की गिरफ्तारी का शोर मचा हुआ था, उस दिन 11 बजे मैंने हस्तक्षेप करके उसको रुकवाया और कहा कि यही मत करना। उसका मुझे नुकसान भी होता है।”
‘मोदी को समझाने की बहुत कोशिश की’
मलिक ने मंच से दावा करते हुए कहा, “मैं एक बहुत बड़े जर्नलिस्ट से मिलकर आया हूं जो प्रधानमंत्री के बहुत अच्छे दोस्त हैं। मैंने उनसे कहा कि भाई मैंने तो कोशिश कर ली, अब तुम उनको समझाओ कि ये गलत रास्ता है। किसानों को दबाकर यहां से भेजना, अपमानित करके दिल्ली से भेजना… पहले तो ये जाएंगे नहीं… दूसरे चले गए तो ये 300 बरस भूलेंगे नहीं। ज्यादा करना भी नहीं है, सिर्फ एमएसपी को कानूनी तौर पर मान्यता दे दो… सारा मामला… मेरी जिम्मेदारी है मैं निपटवा दूं।”
इंदिरा के बहाने पीएम मोदी को चेतावनी?
मेघालय के राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और ब्लूस्टार ऑपरेशन का जिक्र कर एक तरह से मोदी को इशारा किया कि वे सिखो से पंगा न लें। मलिक बोले, “अगर ये (किसान आंदोलन) ज्यादा चलता रहा तो मैं नहीं जानता रहा तो मैं नहीं जानता कि आप में से कितने लोग जानते हो, लेकिन मैं सिखों को जानता हूं। मिसेज (इंदिरा) गांधी ने जब ब्लूस्टार किया, उसके बाद उन्होंने अपने फार्महाउस पर एक महीना महामृत्युंजय का यज्ञ कराया। अरुण नेहरू ने मुझे बताया कि मैंने कहा कि फूफी आप तो ये बात नहीं मानती, ये क्यों करा रही हैं… तो उन्होंने कहा कि तुम्हें पता नहीं है मैंने इनका अकाल तख्त तोड़ा है, ये मुझे छोडेंगे नहीं। उनको लग रहा था कि ये होगा। जनरल वैद्य को पूना में जाकर के मारा।”
मुखर रहे हैं सत्यपाल मलिक, जानिए कौन हैं
बागपत में पैदा हुए सत्यपाल मलिक अलीगढ़ से सांसद रहे हैं। उन्हें 2017-18 के बीच बिहार में राज्यपाल बनाकर भेजा गया। वे पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के आखिरी राज्यपाल थे। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया गया था। इसके बाद नवंबर 2019 में मलिक को गोवा भेज दिया गया। वहां अगस्त 2020 तक रहने के बाद उन्हें मेघालय का राज्यपाल बना दिया गया। वह ओडिशा के राज्यपाल भी रह चुके हैं। मलिक कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते रहे हैं। किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने पहले भी कहा था कि ‘किसी भी आंदोलन को दबाकर और कुचलकर शांत नहीं किया जा सकता है।’