नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने आज जोर देकर कहा कि भारतीय रेलवे का कभी भी निजीकरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई यह नहीं कहता कि सड़क पर सिर्फ सरकारी गाड़ियां ही चलेंगी क्योंकि प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह की गाड़ियां आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। रेलवे के कामकाज को सुचारु बनाने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
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बहस का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि
रेलवे के लिए अनुदान मांग पर लोकसभा में हुई बहस का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि हम पर रेलवे के निजीकरण का आरोप लग रहा है। देश की प्रगति तभी होगी जब सरकारी और निजी सेक्टर मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे का कभी भी निजीकरण नहीं होगा। यह हर भारतीय की संपत्ति है और रहेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे सरकार के हाथों में ही रहेगी। रेल मंत्री ने कहा कि पिछले 2 साल में रेल दुर्घटना में किसी भी यात्री की जान नहीं गई है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे काफी ध्यान दे रही है।
रेलवे में निवेश
गोयल ने कहा कि मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में रेलवे में निवेश बढ़ाकर 2.15 लाख करोड़ रुपये कर दिया है जो 2019-20 में 1.5 लाख करोड़ रुपये था। रेल मंत्री ने कहा, ‘हमारा जोर यात्रियों की सुरक्षा पर है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पिछले दो साल में किसी भी यात्री की जान नहीं गई है। ट्रेन दुर्घटना के कारण आखिरी मौत मार्च 2019 में हुई थी।’
निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के मसले को उठाया
इस चरण में काम कम और हंगामा ज्यादा देखने को मिला। आज सुबह 11 बजे संसद की कार्यवाही शुरू होनी है और मंगलवार को भी बजट सत्र के दौरान हंगामे की पूरी उम्मीद है। संसद में आज निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के मसले को उठाया जा सकता है। बता दें कि बैंक कर्मचारी दो दिनों की हड़ताल पर हैं। वहीं, इस मुद्दे से पहले भी संसद के दोनों सदनों में कई मुद्दों को लेकर हंगामा हुआ। इनमें किसानों का मसला व महंगे होते पेट्रोल-डीजल का मुद्दा था। मंगलवार की कार्यवाही पर से पहले इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन(IPU) के अध्यक्ष दुआरते पशेको ने सांसदों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत दोस्त नहीं भाई है।
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