कृषि कानून वापस न लिए जाने पर राकेश टिकैत ने किया बड़ा ऐलान

1080
कृषि कानून

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कृषि कानून वापस न लिए जाने पर अब एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि किसानों को अब संसद मार्च करना होगा। इसी के साथ इस बार 4 लाख नहीं बल्कि 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ मार्च किया जाएगा।

उत्तराखंड की पारंपरिक ऐपण कलाकृति को नया आयाम मिल

इन दिनों वो देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां किसानों की महापंचायत कर रहे हैं। राजस्थान के सीकर में रैली के दौरान राकेश टिकैत ने ये नया ऐलान किया है।

दरअसल इससे पहले 26 जनवरी को भी किसानों के संगठन की ओर से ट्रैक्टर रैली निकालने का आवाहन किया गया था। उस रैली की आड़ में राजधानी की सड़कों पर उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था, इसमें 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। उपद्रवियों ने लालकिले की प्राचीर पर चढ़कर वहां झंडा फहराया था, इसके अलावा लालकिले पर उस जगह भी झंडा फहराया था जहां से 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री झंडारोहण करके राष्ट्र को संबोधित करते हैं। किसानों के इस उपद्रव की पूरे विश्व में आलोचना हुई थी। अब राकेश टिकैत ने फिर से इससे बड़ी रैली निकालने की घोषणा करके एक बार फिर उस दिन को याद दिला दिया है।

राजस्थान में राकेश टिकैत ने कहा कि

कृषि कानून  की एक नजर खेत पर रहनी चाहिए दूसरी नजर दिल्ली में आंदोलन पर और तीसरी नजर संयुक्त किसान मोर्चे पर। सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है इसलिए आने वाले समय में संसद के पास पार्क में कृषि अनुसंधान केंद्र बनाना पड़ेगा। संसदीय समिति बनाएं और वहां कुछ फसलों की खेती करवाएं। जो लाभ-हानि हो उसे समिति देखे और उस आधार पर फसलों के दाम तय करें।

उधर दिल्ली पुलिस द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की गिरफ्तारी और टिकरी बॉर्डर पर लगाये गए नोटिस के बाद किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने इन दोनों मामलों को केंद्र सरकार की कार्रवाई बताते हुए कड़ा विरोध जताया है।

इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से डॉ. दर्शनपाल ने बयान जारी करते हुए इन कार्रवाई को किसानों को बदनाम करने की साजिश बताया। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्रवाई से किसान आंदोलन कमजोर होने के बजाय मजबूत होता जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के संघर्ष को बदनाम करने आये भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ मारपीट की। पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करने की बजाय किसानों को ही गिरफ्तार कर लिया। सरकार के किसान विरोधी साजिशों का हम कड़ा विरोध करते है। भाजपा द्वारा किसान आंदोलन को बदनाम करने की रोज कोशिशें की जा रही है। हम इसे सफल नहीं होने देंगे और किसानों का यह संघर्ष जरूर कामयाब होगा।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच देशभर के लोगों को महंगाई का एक ओर झटका

Leave a Reply