कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नीतीश कुमार को लेकर दिया बड़ा बयान

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नई दिल्ली: बिहार चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने नीतीश को तेजस्वी यादव के साथ आने का ऑफर दिया है। हालांकि, उनके इस बयान से कांग्रेस पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया। बावजूद इसके दिग्विजय सिंह एक न्यूज चैनल से बात करते हुए फिर नीतीश कुमार से खास अपील की। उन्होंने कहा कि तेजस्वी तो उनका भतीजा है। उन्होंने चाचा की कई बार मदद की है, एक बार चाचा भी भतीजे की मदद कर दीजिए।

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दिग्विजय बोले- तेजस्वी उनका भतीजा, एक बार मदद कर दीजिए

दिग्विजय सिंह ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने कांग्रेस को समर्थन देने के लिए नहीं कहा। अगर आप नतीजे देखेंगे तो एआईएमआईएम को फायदा हुआ, बीजेपी को फायदा हुआ। कांग्रेस, आरजेडी को नुकसान हुआ। लालू यादव और नीतीश तो छात्र राजनीति से साथ रहे हैं। तेजस्वी उनका भतीजा है, चाचा को कई बार मदद कर दी, एक बार वो भतीजे को भी मदद कर दीजिए।

‘तेजस्वी मुख्यमंत्री हो जाएं, नीतीश कुमार के नुमाइंदे उपमुख्यमंत्री’

दिग्विजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के मन जो कुछ भी होगा जैसा समझौता पिछली बार हुआ था 2015 में उसी तरह से इस बार भी हो जाएगा। फर्क इतना रहेगा कि तेजस्वी मुख्यमंत्री हो जाएं और नीतीश कुमार के नुमाइंदे उपमुख्यमंत्री बन जाएं। वो खुद एक मेन्टॉर की तरह से राज्यसभा में आएं। क्या भतीजा चाचा की सरकार में डिप्टी सीएम नहीं थे। चाचा को भतीजे की एक बार मदद करनी चाहिए।

बिहार चुनाव में पुष्पम, पप्पू, चिराग सब फेल, न माया मिली न राम!

जनअधिकार पार्टी (जाप) की स्थापना करने वाले पप्पू यादव ने पूरे दमखम के साथ मैदान में ताल ठोका था लेकिन उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिला और वह खुद भी मधेपुरा से चुनाव हार गए। जाप चीफ और प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन (PDA) की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा पप्पू यादव को मधेपुरा में 26,462 वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे।

उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार चुनाव (Bihar Chunav 2020) के ऐन पहले महागठबंधन का साथ छोड़ बीएसपी के साथ गठजोड़ कर लिया था। उन्होंने दवाई, शिक्षा जैसे मुद्दों के साथ नीतीश कुमार सरकार पर हमला किया था। कुशवाहा ने ग्रैंड यूनाइटेड सेक्यूलर फ्रंट बनाया था। इसमें AIMIM, समाजवादी जनता दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एवं जनवादी शामिल थे। पर चुनाव परिणाम में इस गठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। केवल बीएसपी एक सीट जीत सकी। उपेंद्र कुशवाहा अपने प्रयोग में बुरी तरह असफल हो गए।

प्लूरल्स पार्टी (Plurals Party) की चीफ बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देकर राजनीति में कदम रखने वाली पुष्पम ने बिस्फी और बांकीपुर सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों ही जगह उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और दोनों ही सीट पर वह जमानत भी नहीं बचा पाईं।

एलजेपी चीफ चिराग पासवान की ‘बिहार फर्स्‍ट, बिहारी फर्स्‍ट विजन डाक्यूमेंट’ वोटरों को लुभाने में असफल रहा। उनकी पार्टी 143 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और केवल उसे एक सीट पर मिली जीत। एलजेपी समर्थक चिराग को ‘किंग मेकर’ बता रहे थे, लेकिन चुनावी नतीजे से साफ हो गया कि चिराग के दावों में कितना ‘वजन’ था? विश्लेषकों के अनुसार, एलजेपी अपने लक्ष्य को पाने में असलफ रही है। चिराग को इस हार से सबक लेकर आगे की रणनीति बनानी होगी

ट्वीट में भी दिग्विजय ने कही ऐसी ही बात

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने एक के बाद एक ट्वीट में कहा कि नीतीश जी, बिहार आपके लिए छोटा हो गया है, आप भारत की राजनीति में आ जाएं। सभी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोगों को एकमत करने में मदद करते हुए संघ की अंग्रेजों की ओर से पनपाई ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति ना पनपने दें। विचार जरूर करें। उन्होंने आगे लिखा कि यही महात्मा गांधी जी और जयप्रकाश नारायण जी के प्रति सही श्रद्धांजलि होगी। आप उन्हीं की विरासत से निकले राजनेता हैं वहीं आ जाइए। आपको याद दिलाना चाहूंगा जनता पार्टी संघ की Dual Membership के आधार पर ही टूटी थी। भाजपा/संघ को छोड़िए। देश को बर्बादी से बचाइए।

दिग्विजय ने कहा- नीतीश कुमार, लालू यादव ने आपके साथ संघर्ष किया

कांग्रेस नेता ने ट्वीट में कहा कि बीजेपी/संघ अमरबेल के समान हैं, जिस पेड़ पर लिपट जाती है वह पेड़ सूख जाता है और वह पनप जाती है। नीतीश जी, लालू जी ने आपके साथ संघर्ष किया है आंदोलनों मे जेल गए हैं। भाजपा/संघ की विचारधारा को छोड़ कर तेजस्वी को आशीर्वाद दे दीजिए। इस ‘अमरबेल’ रूपी भाजपा/संघ को बिहार में मत पनपाओ।

कांग्रेस नेता के बयान पर सियासी बवाल

दिग्विजय सिंह के नीतीश कुमार को दिए गए ऑफर पर बीजेपी ने पलटवार किया है। पार्टी ने कहा कि उनका बयान हार की पीड़ा है। उनका भी मीडिया में बने रहने का ये तरीका है उनकी बातों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय के ट्वीट से खुद को अलग कर लिया। पार्टी नेता ने कहा कि ये उनका विचार है, इसका पार्टी से लेना देना नहीं है।

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