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इलाहाबाद कोर्ट का था फैसला 2015 में उत्तर प्रदेश में भी उत्तराखंड के निकाय चुनावों जैसी ही स्थिति बनी थी। मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए जिलाधिकारी के बजाय निकायों के ईओ को प्रशासक नियुक्त कर दिया था। साथ ही प्रशासकों को निर्वाचित प्रतिनिधियों की देखरेख में ही काम करने का आदेश पारित किया था। नैनीताल हाई कोर्ट ने इसी आदेश को अंतरिम आदेश में आधार बनाया है।]]>
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