किसानों की समस्याओं को लेकर क्षेत्र के किसानों ने किसान महासभा के नेतृत्व में तराई किसान संगठन जुलूस निकालर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाया। चेतावनी दी कि यदि जल्द की किसानों की समस्याओं का सामाधान नहीं किया गया तो वह उग्र आंदोलन शुरू करेंगे।
गुरुवार को किसान महासभा के नेतृत्व में तमाम किसान जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बारिश, ओलावृष्टि से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में फसल व बागवानी नष्ट हो गई है। बावजूद इसके किसानों को उसका मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।
30 फीसदी से अधिक नुकसान पर ही किसानों को मुआवजा देने के किसानों के सरकार के फैसले से किसान आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को नष्ट हुई पूरी फसल का मुआवजा देने के साथ ही उन्हें कृषि ऋण में छूट दी जानी चाहिए। पूरी फसल बर्बाद होने पर किसानों को ऋण में पूरी छूट दी जानी चाहिए।
आरटीई में प्रवेश पर रोक के खिलाफ किया प्रदर्शन
शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को प्रवेश दिए जाने पर रोक लगाने के सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने गरीबों की शिक्षा के खिलाफ लिए गए इस फैसले को वापस नहीं लिया तो वह प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
गुरुवार को तमाम कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट हुए। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर सरकार की नीतियों का विरोध किया। कांग्रेस नेता सुशील गाबा ने कहा कि आरटीई के तहत गरीब बच्चों को अच्छे निजी विद्यालयों में प्रवेश दिए जाने की व्यवस्था है, लेकिन सरकार ने इस व्यवस्था पर रोक लगाकर गरीब छात्रों के साथ खिलवाड़ किया है। इस व्यवस्था के लागू होने से अब निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चे प्रवेश नहीं पा सकेंगे। उन्होंने सरकार से इस गरीब विरोधी फैसले को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारियों में तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।