पब्लिक स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों की ओर से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आखिरकार शिक्षा विभाग की नींद टूटी है। प्रशासन, शिक्षा और राज्य कर विभाग की दो संयुक्त टीमों ने बुधवार शाम पूरनमल एंड सन्स, कैरियर जोन की दो-दो दुकानों समेत शहर के पांच दुकानों में छापेमारी की।
सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय और एसडीएम एपी वाजपेयी की अध्यक्षता में अलग-अलग गठित टीमों में बीइओ हरेंद्र मिश्रा, राज्य कर के असिस्टेंट कमिश्नर मानवेंद्र सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर उर्मिला सिंह प्रिंचा आदि शामिल रहे। छापेमारी के दौरान टीम को तमाम खामियां मिलीं। छापेमारी की कार्रवाई से बुक सेलरों में हड़कंप मचा रहा। इधर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने साफ किया है कि अभिभावक निजी प्रकाशकों की किताबें नहीं खरीदी। जो स्कूल ऐसा करते हैं पैरेंट्स उनकी शिकायत विभाग से करें।
निजी प्रकाशकों की बेचते मिले किताबें
छापेमारी के दौरान टीम ने अभिभावकों के बैग खोले। इनमें निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें मिली। पूछने पर बुक सेलर ने पल्ला झाड़ते हुए कह दिया कि अभिभावक जबरदस्ती यह बुक मांग रहे हैं। एनसीइआरटी की जो भी किताबें बिकती मिली, वह दिल्ली से प्रकाशित हैं। दुकानदारों ने तर्क दिया कि एनसीइआरटी की किताबें आ नहीं रही हैं। टीम ने डिमांड की डिटेल मागी, जिसे दुकानदार नहीं दिखा सके। अभिभावकों के पास कुछ स्कूलों की स्लिप भी मिली, जिन्होंने निजी पब्लिशर्स की किताबें मांगी हैं।
मुखानी में छापेमारी के बाद पीलीकोठी गई टीम वापसी में लौटी तो पूरनमल एंड संन्स की कालाढूंगी रोड स्थित एक अन्य दुकान का शटर गिरा मिला। छापेमारी से डरे बुक सेलर ने पैरेंट्स को दुकान से बाहर निकाल दिया।
किसी भी दुकान पर पक्के रसीद बुक में बिल नहीं काटा जा रहा है। दो दुकानों में एक अप्रैल और दो दुकान में दो अप्रैल के बाद एक भी पक्का बिल कटा हुआ नहीं मिला। राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने रसीद बुक अपने कब्जे में ले लीं। बता दें कि किताबों को छोड़ शेष स्टेशनरी और क्रॉकरी आदि पर जीएसटी देय है। इस तरह बुक सेलर रोजाना हजारों रुपये की कर चोरी कर रहे हैं।