माफिया बेखौफ होकर कर रहे अवैध खनन

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गौला नदी में उपखनिज का अवैध तरीके से जमकर दोहन हो रहा है। अवैध खनन को रोकने के लिए वन विभाग ने हाथ क्या खड़े किए। माफिया बेखौफ हो गए। माफिया अवैध खनन के तू डाल डाल में पात पात की तर्ज पर रोज नई नई तरकीब निकालकर सरकारी तंत्र को खुली चुनौती दे रहे हैं। परिणाम स्वरूप जहां सरकार को रोजाना लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं क्षेत्र में अशांति भी बनी हुई है।

माफिया द्वारा रावत नगर में गौला के तटवर्ती क्षेत्रों में जगह-जगह खेतों में हुआ खनन व चोर रास्ते जीरो टॉलरेंस की पोल खोल रहे थे। यही नहीं अवैध खनन को रोकने के लिए जिन चोर रास्तों में ब्लाक बनाकर अवरोध किया गया है। ऐसे कई स्थानों पर माफिया ने उपखनिज का स्टाक किया है। पता चला है कि मौका मिलते ही गांव की तरफ टैªक्टर खड़ा कर उसे ठिकाने लगाया जाता है।

नई नई तरकीबें अपना रहे माफिया

गौला नदी में वर्तमान में माफिया द्वारा अवैध खनन के नए नए तरीके अपना रहे हैं। जिसके तहत माफिया द्वारा खनन गेट से अपने वाहन की रॉयल्टी कटवाकर गौला में प्रवेश कराया जा रहा है। इसके बाद उपखनिज भरकर नदी के तट पर वन विभाग द्वारा चोर रास्तों को बंद करने के लिए बनाए गए अवरोधों के पास एकत्र किया जा रहा है।

निकासी के समय ईमानदारी से निर्धारित वजन के साथ बाहर निकलकर क्रशर में उपखनिज की आपूर्ति करता है। लेकिन वहां पर साठगांठ कर रॉयल्टी को जमा करने के बजाय उसी रायल्टी से दिन में गौला के तट पर एकत्र किए गए उपखनिज को भर कर क्रशर में आपूर्ति की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ कांटों पर तैनात कर्मियों की मिली भगत से ओवरलोड उपखनिज को अंडरलोड किया जा रहा है।

कांटे पर तैनात कर्मी द्वारा वाहन को या तो आधे वजन में चढ़ाया जा रहा है। या फिर ओवरलोड वाहन को उसके आगे से जा रहे अंडरलोड वाहन के वजन पर ही पास कर दिया जा रहा है। पिछले दिनों लालकुआ समेत कई खनन गेटों पर इस प्रकार के मामले पकड़ में आए हैं। इसके अलावा बिंदुखत्ता व बरेली रोड के गांवों में खेतों को खोदकर अवैध खनन किया जा रहा है। जिसमें भी क्रशर की रॉयल्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है। पकड़े जाने पर वाहन खराब होने का बहाना बनाया जा रहा है।

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