फसलों पर एक बार फिर कुदरत का कहर बरपा है। रविवार दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि से करीब तीस प्रतिशत बागवानी फसलें बर्बाद हो गई हैं। रामपुर रोड चांदनीचैक के घुड़दौड़ा में किसान लक्ष्मण सिंह कुल्याल का नौ लाख की लागत से तैयार पॉलीहाउस ओलों से क्षतिग्रस्त हो गया। गाड़ियों के शीशे चटक गए। ओलो से बचने के लिए मची आफरा-तफरी में लोगों चोटिल होने की सूचनाएं भी आई। देवलचैड़, कालाढूंगी मार्ग और गौलापार क्षेत्र में आम-लीची और लहसुन-प्याज की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। सुबह से दोपहर तक मौसम के अजब रंग देखकर लोग दंग रह गए।
सुबह तेज धूप के साथ दिन की शुरुआत हुई, लेकिन दोपहर बाद अचानक आसमान पर आफत के बादल मंडराने लगे। तेज हवा से बड़े-बड़े दरख्त हिल गए। कई जगह टहनियां टूटकर जमीन पर गिर गई। तकरीबन तीन से पांच मिनट तक चली ओलावृष्टि में सबसे ज्यादा नुकसान बागवानी फसलों को हुआ। गौलापार के नयागांव में संतोष सनवाल की चार बीघा, चंदन सिंह की छह बीघा, गिरीश चंद्र पांडे की छह बीघा और गंगा सिंह बिष्ट की पांच बीघा जमीन में प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा।
फलपट्टी के किसानों को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
ग्राम प्रधान कुंवरपुर हरेंद्र बिष्ट ने बताया कि पहले गेहूं की फसल बर्बाद हुई और अब किसानों की कमर टूट गई है। देवला तल्ला के ग्राम प्रधान त्रिलोक नौला, प्रगतिशील किसान नरेंद्र सिंह मेहरा, ललित मेहरा, निरंजन सिंह, कृष्णपाल सिंह मेहरा सहित आसपास के अन्य किसानों की लहसुन-प्याज की फसल बर्बाद हो गई। रामगढ़, नथुवाखान फल पट्टी में भी फलों से लकदक पेड़ों पर ओलो की मार से अधपके फल जमीन पर गिर गए।