उत्तराखंड सरकार चरकड़ादा में बनाएगी आयुर्वेद योग संस्थान

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मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पतंजलि योगपीठ में आयुर्वेद भवन का उद्घाटन किया और वार्षिकोत्सव में शामिल हुआ। इस दौरान बताया गया कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से पतंजलि योगपीठ को पांच पुरस्कार दिए गए हैं। उत्तराखंड सरकार कोटद्वार के पास चरकड़ादा में आयुर्वेद योग संस्थान बनाएगी। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार स्थित पतंजलि में कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को यह घोषणा की।

उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा आयुर्वेद योग संस्थान होगा। इसमें केंद्र का आयुष मंत्रालय मदद करेगा। बताया गया कि हरिद्वार में अक्टूबर 2018 में ज्ञान कुंभ होगा। जिसमें पूरे देश से 1000 कुलपति शामिल होंगे। सभी राज्यों के एजुकेशन मिनिस्टर शामिल होंगे। ज्ञान कुंभ के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे। इसका आयोजन राज्य सरकार और पतंजलि मिलकर करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को दिशा प्रदान करने का कार्य युवा संन्यासी करेंगे। उनके ऊपर बहुत बड़ा दायित्व है। हम अपने चरित्र को संन्यासियों के समान उन्नत करें तथा स्वयं को वेदों के अनुकूल बनाएं। स्वयं के चरित्र से विश्व को चरित्र की शिक्षा दें। इसी से भारत के विश्वगुरु बनने का मार्ग प्रशस्त होगा। यह बात मुख्यमंत्री ने मंगलवार को पतंजलि योगपीठ में नवनिर्मित आयुर्वेद भवन के उद्घाटन और पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव समारोह उल्लास-2018 में कही।

मल्टीनेशनल कंपनियों ने बनाया 5000 करोड़ का केमिकलयुक्त बाजार

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पतंजलि योगपीठ एक पावर हाउस के रूप में देश व विश्व को ऊर्जा प्रदान कर रहा है। पतंजलि की शक्ति से अनेकों समाजसेवा के कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश संक्रमण और परिवर्तन काल से गुजर रहा है। पतंजलि योगपीठ तथा भारत स्वाभिमान जैसे संगठन देश को प्रगति के पथ पर ले जाने का कार्य कर रहे हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि मल्टीनेशनल कंपनियों ने 5000 करोड़ का केमिकलयुक्त बाजार बनाया। जबकि पतंजलि ने 5000 करोड़ का कृषि उत्पादों का बाजार बनाया। जिससे किसान सीधे-सीधे लाभांवित हुए।

हमारा लक्ष्य आयुर्वेदिक औषधियों को एवीडेंस बेस्ड मेडिसीन के रूप में मान्यता दिलाना है। पश्चिम ने तकनीक तथा चीन ने प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करके अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में पतंजलि पहली ऐसी संस्था है जिसने आयुर्वेद को एवीडेंस बेस्ड बनाने का कार्य किया। लगभग 1500 चिकित्सालयों पर रोगियों की पैथोलॉजिकल जांच रिपोर्ट तथा उनका क्षेत्र व प्रांत आदि के अनुसार ईएमआर सिस्टम से सम्पूर्ण डाटा कलेक्शन का कार्य पतंजलि योगपीठ कर रहा है।

इस अवसर पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने पतंजलि को पांच नए विश्व कीर्तिमान का सर्टिफिकेट जारी किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अभिमन्यु कुमार ने भी विचार रखे।

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