शव ला रही एंबुलेंस को सात घंटे भीड़ ने रोका

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हरिद्वार जिले के झबरेड़ा कस्बे के हतश्यामपुर गांव में पिता-पुत्र और भतीजे को गोली मारने का मामला शुक्रवार को तूल पकड़ गया। पुलिस ने गोलीकांड में मारे गए युवक का सुरक्षा कारणों से वीरवार रात पोस्टमार्टम तो करा दिया, लेकिन शव गांव तक पहुंचाने में उसे पसीने छूट गए। ग्रामीणों ने शव लेकर आ रही एंबुलेंस को सात घंटे तक गांव की सीमा पर ही रोके रखा। विवाद अनुसूचित जाति और गुर्जरों के बीच का होने की वजह से क्षेत्र में तनाव की स्थिति है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने पूरे जिले में शनिवार शाम तक इंटरनेट सेवाएं बंद करा दी हैं। इसी तरह के मामले में उप्र के सहारनपुर जिले में दो दिन से चल रहे बवाल को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

खेत में पानी देने को लेकर हुए विवाद में एक पक्ष ने वीरवार देर शाम अनुसूचित जाति के वेदपाल के बेटे विकास की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वेदपाल के सिर और उसके भतीजे अनित के हाथ में भी गोली लगी है। वेदपाल की हालत नाजुक बनी हुई है। रात पोस्टमार्टम कराने के बाद शुक्रवार सुबह करीब छह बजे एसपी देहात मणिकांत मिश्रा सिविल अस्पताल से एंबुलेंस में विकास का शव लेकर परिजनों को सौंपने जा रहे थे, तभी ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। किसी तरह पुलिस शव लेकर वहां से निकली, लेकिन गांव की सीमा पर भीड़ ने पुलिस के काफिले और शव लेकर आ रही एंबुलेंस को रोक दिया। भीड़ रात में पीएम कराने पर एतराज कर रही थी, साथ ही उनकी मांग थी कि मृतक आश्रितों को 20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।

भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल से भी हुई नोकझोंक

वहां पहुंचे भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल से भी उनकी नोकझोंक हुई। करीब सात घंटे तक उन्होंने एंबुलेंस को रोके रखा। बाद डीएम दीपक रावत और एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने मृतक के परिवार को चार लाख रुपये का चेक दिया और इतनी ही रकम बाद में देने का आश्वासन दिया। एसएसपी ने दो आरोपितों की गिरफ्तारी की सूचना दी। इसके बाद ही दोपहर सवा बजे भीड़ शांत हुई।

अपराह्न करीब तीन बजे मामला उस वक्त बिगड़ गया, जब श्मशान से घर लौटते वक्त ग्रामीणों को एक घर पर लगे लाउडस्पीकर से भजन की आवाज आई, भीड़ ने उस घर पर पथराव कर दिया, पुलिस लाठी फटकार उन्हें तितर-बितर किया। पथराव में चार महिलाएं चोटिल हो गई। पुलिस के अनुसार एक महिला से गलती से लाउडस्पीकर का स्विच दब गया था।

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