बैसाखी पर शनिवार सुबह से ही हरकी पैड़ी समेत विभिन्न स्नान घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाई। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा की पूजा-अर्चना कर सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-शांति की कामना की। बैसाखी के स्नान को हरकी पैड़ी समेत सभी घाटों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। अलसुबह से ही सर्वानंद घाट, हरकी पैड़ी, बिरला घाट, लवकुश घाट और विश्वकर्मा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
माना जाता है कि बैसाखी के दिन गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। अलसुबह से आरंभ हुआ गंगा स्नान देर शाम तक चला। सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। एसपी सिटी ममता वोहरा ने बताया कि स्नान के दौरान हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों पर अर्द्ध सैनिक सुरक्षा बलों समेत पुलिस की कड़ी चैकसी रही। शनिवार और रविवार होने के कारण इस बार भीड़ अधिक नजर आई। श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी पहुंचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। शनिवार को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे।
नववर्ष की शुरुआत के तौर पर भी मानते हैं बैसाख को
बैसाख को नववर्ष की शुरुआत के तौर पर भी माना जाता है। हिंदू इस दिन पर सदानीरा में स्नान कर भोग लगाते हैं और पूजा करते हैं। मान्यता है कि हजारों साल पहले देवी गंगा इसी दिन धरती पर उतरी थीं। उन्हीं के सम्मान में हिंदू धर्मावलंबी पारंपरिक पवित्र स्नान के लिए गंगा किनारे एकत्र होते हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस दिन पवित्र नदियों के जल में स्नान करने मात्र से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। इस दिन लोग दूर-दूर से आकर पवित्र नदियों के जल में स्नान और मंदिरों में पूजा-अर्चना करके भगवान से परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं।