पर्यावरण, जल एवं नदियों के संरक्षण के लिए युवाओं की भागीदारी करें सुनिश्चित

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घटते जल स्तर पर जताई चिंता कहा कि सभी स्कूलों और कॉलेज स्तर पर छात्रों को हरितिमा संवर्द्धन एवं नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रोजेक्ट दिये जाने चाहिये। घटते जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2040 तक भारत में पीने योग्य जल लगभग समाप्ति की कगार पर होगा। पूरी दुनिया में मौजूद पीने योग्य जल का केवल चार प्रतिशत ही भारत के पास है। राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि हम स्कूल और कॉलेज के छात्रों को पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विषयों को प्रोजेक्ट का रूप में देने से बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते है। गो ग्रीन, गो ऑर्गेनिक प्र्रोजेक्ट के संस्थापक ड्राइकुंग कायबॉन चेटसंग ने इस प्रोजेक्ट के विषय की जानकारी दी। इस दौरान प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज और ड्राइकुंग कायबॉन चेटसंग ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। श्रीरामकथा में कथावाचक मुरलीधर महाराज ने भगवान श्रीराम और हनुमान के मधुर मिलन का वर्णन किया। इस दौरान सभी ने वाटर सेरेमनी कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।]]>

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