स्मार्टफोन मार्केट तेजी से डेवलप हो रहा है,जानिए कैसे बनाये जाते है स्मार्ट फ़ोन

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स्मार्टफोन मार्केट इस समय तेजी से डेवलप हो रहा है। सभी बड़े स्मार्टफोन ब्रांड यूजर्स के लिए हर रोज नई टेक्नोलॉजी पेश कर रहे हैं। जब ये फोन बनकर आपके हाथ में आते हैं, तो आप इनके लुक और डिजाइन को देखकर प्रभावित हो जाते हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर ये स्मार्टफोन बनते कैसे हैं ? यहां हम आपको इन फोन की मेकिंग के बारे में कुछ जानकारी देने की कोशिश रहे हैं।

कॉन्सेप्ट डिजाइनिंग-

बता दें कि मेकिंग के दौरान सभी स्मार्टफोन्स एक खास प्रोसेस से होकर गुजरते हैं। जिसमें कॉन्सेप्ट डिजाइनिंग सबसे पहला स्टेप होता है। किसी फोन की कॉन्सेप्ट डिजाइन में उसका कलर, साइज, फोन बॉडी मटेरियस वगैरह को तय किया जाता है।

कम्पोनेंट्स मेकिंग-

इसके बाद स्मार्टफोन के अलग-अलग कम्पोनेंट्स बनाए जाते हैं। बता दें कि कुछ फोन के कंपोनेट प्रॉडक्शन लैब में ही बनते हैं, वहीं कुछ कंपनियां इन्हें बाहर से असेंबल करती हैं, जैसे आईफोन की स्क्रीन कोरिया में बनती है, प्रोसेसर के लिए मटेरियल मंगोलिया से आता है, जायरोस्कोप (Gyroscope) एक फ्रेंच- इटेलियन कंपनी से आता है और अलग-अलग पार्ट्स चीन में असेम्बल होते हैं।

टच सेंसिविटी-

बता दें कि स्मार्टफोन के जिस फीचर में सबसे ज्यादा परेशानी आती है, वो होता है इसका टच स्क्रीन। फोन की टच सेंसटिविटी को चेक करने के लिए, स्पेशल मशीनों द्वारा उसे 10,000 हज़ार से ज्यादा बार सभी तरह से टच कर के देखा जाता है। अगर फोन में टच को लेकर कोई समस्या हो तो वह सामने आ जाए।

फोन के इंटरनल फीचर-

फोन तैयार होने के बाद इसके इंटरनल फीचर जैसे- wifi, ब्लूटूथ, सिम आदि ठीक से काम कर रहें है या नहीं, इसकी जांच की जाती है। इसके लिए फोन को एक बॉक्स में रखा जाता है, जिसमें फोन इस तरह की सभी जांचों से होकर गुजरता है।

टेस्टिंग-

फोन की मेकिंग का जरूरी हिस्सा टेस्टिंग होता है। टेस्टिंग में फोन के अंदर मौजूद किसी तरह की खामी के बारे में पता लगाया जाता है। ये खामी फोन के कंपोनेंट्स से बॉडी और डिजाइन तक किसी भी तरीके की हो सकती है।

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