किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्‍ली सरकार

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Farmers March LIVE: किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्‍ली सरकार, पुलिस को अस्‍थायी जेल बनाने की इजाजत नहीं देश की राजधानी में प्रदर्शनकारी किसानों की एंट्री बंद है। ‘दिल्‍ली चलो’ मार्च के तहत पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान निकल पड़े हैं। हरियाणा में कई जगहों पर किसानों को रोका गया है। न मानने पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले भी छोड़े जा रहे हैं। बॉर्डर पर सघन चेकिंग अभियान से ट्रैफिक व्‍यवस्‍था चरमरा गई है। ऊपर से एनसीआर के शहरों से दिल्‍ली के लिए मेट्रो सेवा बंद रहने से लोगों की परेशानी दोगुनी हो गई है। गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद से दिल्‍ली आने वालों को खासी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्‍ली और पंजाब की सरकारें खुलकर आंदोलन के समर्थन में आ गई हैं और बीजेपी को घेर रही हैं। टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर, पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर झड़पें हुई हैं जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें की। दिल्‍ली में किसान आंदोलन की ताजा अपडेट्स देखिए।

नौ दिसंबर को होगी मंत्रिमंडल की बैठक

कहां-कहां जमा हैं प्रदर्शनकारी किसान?

दिल्‍ली और हरियाणा के बॉर्डर पर कई जगह किसान अड़े हुए हैं। टिकरी बॉर्डर, दिल्‍ली-गुड़गांव बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पर झड़पें हुई हैं।

टीकरी बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प

टिकरी बॉर्डर: ट्रक हटाने के लिए किसानों ने लगाया ट्रैक्‍टर

ग्रीन लाइन पर कई मेट्रो स्‍टेशंस बंद

DMRC के मुताबिक, ग्रीन लाइन पर ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्रीराम शर्मा, टीकरी बॉर्डर, टीकरी कलां और घेवरा मेट्रो स्‍टेशंस पर एंट्री और एग्जिट गेट्स बंद कर दिए गए हैं।

शंभू बॉर्डर पर भी पुलिस का किसानों पर बल-प्रयोग

सिंघू बॉर्डर पर आंसू गैस के गोलों से धुएं का गुबार

चेकिंग के चलते लग गया है लंबा जाम

दिल्‍ली ट्रैफिक पुलिस ने अलर्ट जारी कर लोगों से मुकरबा चौक को अवॉयड करने की अपील की है। सिंघू बॉर्डर की तरफ गाड़‍ियों को नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस ने इंटरस्‍टेट गाड़‍ियों को वेस्‍टर्न/ईस्‍टर्न पेरिफेरल एक्‍सप्रेसवे से जाने की सलाह दी है। बॉर्डर वाले एरियाज में भारी पुलिस फोर्स तैनात है।

किसान आंदोलन की वजह से मेट्रो सेवा प्रभावित

डीएमआरसी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मेट्रो से आप दिल्ली से नोएडा आ सकते हैं लेकिन नोएडा से दिल्ली नहीं जा सकते हैं। आज मेट्रो बॉर्डर तो पार करेगी लेकिन शहर के किसी भी मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो में चढ़ने के लिए सेवाएं आज बंद रहेगी। केवल दिल्ली से आने वाले यात्रियों के लिए एग्जिट होने वाले गेट खुलेंगे। यदि शुक्रवार सुबह कुछ बदलाव होता है तो मेट्रो के संचालन में भी बदलाव किया जाएगा।

कंटीली तारें लगातार रोकी गई है किसानों की एंट्री

किसानों के दिल्ली आने की सबसे ज्यादा संभावना सोनीपत, पानीपत, करनाल से लगे सिंघू बॉर्डर की तरफ से है। इसी वजह से सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षा के बंदोबस्त भी अन्य जगहों के मुकाबले बेहद कड़े किए गए हैं। यहां कई लेयर की बैरिकेडिंग करने के साथ-साथ जर्सी बैरियर लगाकर उन पर कंटीले तारों की फेंसिंग भी की गई। पुलिस ने यहां प्रदर्शनकारियों का रास्ता रोकने के लिए मिट्टी और रेत से भरे डंपर भी मंगवाकर खड़े कर दिए हैं। साथ में कई क्रेनें भी मंगाई गईं, ताकि एक जगह बैरिकेडिंग के टूटने पर क्रेनों के जरिए तुरंत दूसरी जगह बैरिकेड शिफ्ट किए जा सकें। यहां पुलिस और अर्धसैनिक बलों का भी भारी जमावड़ा था और हरियाणा की तरफ से आ रही एक-एक गाड़ी की कड़ी चेकिंग की जा रही। निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे भी इस्तेमाल किए जा रहे। इंटरस्टेट बसों को रोक रोककर उनके अंदर भी कड़ी चेकिंग की जा रही।

यूपी गेट बॉर्डर पर आज भी जुट सकते हैं किसान

पुलिस ने यूपी गेट बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया है। गुरुवार को मेरठ से आ रहे 40 से 45 किसानों के जत्थे को मोहन नगर पर रोक लिया गया। वहां पुलिस ने उनसे बात की और मांग-पत्र लेकर वापस भेज दिया। यहां किसानों में एकजुटता की कमी दिखी। किसान अपनी-अपनी गाड़ियों में थे। आज फिर किसान यहां पहुंच सकते हैं।

चेकिंग के बाद ही दी जा रही जाने की परमिशन

सुरक्षा कारणों के चलते दिल्ली और एनसीआर के इलाकों के बीच मेट्रो की कनेक्टिविटी टूट गई थी। ऐसे में जिन लोगों ने अपनी गाड़ियों या कैब से ट्रैवल करने की प्लानिंग की, उन्हें सड़कों पर मुसीबत झेलनी पड़ी। गुड़गांव बॉर्डर पर गुड़गांव से दिल्ली आने वाले रूट पर गाड़ियों की कतार लगी है। बैरिकेड पर पुलिसवाले गाड़ियों में झांक-झांक कर देख रहे थे और चेकिंग के बाद ही गाड़ियों को दिल्ली में एंट्री दी जा रही।

किसानों की क्‍या हैं मांगें?

किसान विरोधी तीन अध्यादेश वापस लिए जाएं।
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो।
किसानों का कर्ज माफ किया जाए।
किसानों के बिजली बिल माफ किए जाएं।
किसानों के बच्चों की फीस माफ की जाए।

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