गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसान नेता राकेश टिकैत की मांग

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गाजीपुर बॉर्डर

नई दिल्ली:  किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शन स्थल पर ही कोरोना वैक्सीन लगवाएंगे। उन्होंने मांग की है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को भी कोरोना का टीका लगाया जाए। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता ने कहा कि वो भी टीका लगवाना चाहते हैं। उन्होंने शर्त जैसी बात तो नहीं की है, लेकिन इतना जरूर कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों और जेल में बंद कैदियों को भी टीका लगाना चाहिए। उनके इस बयान का यह मतलब निकाला जा रहा है कि टिकैत प्रदर्शन स्थल पर ही टीकाकरण अभियान चलाने की मांग रखी है। टिकैत अभी गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं।

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ये नेता कर रहे हैं प्रदर्शन का नेतृत्व

तीन नए केंद्रीय कृषि कानून को किसान विरोधी बताते हुए हजारों किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर महीनों से धरना दे रहे हैं। इन किसानों ने प्रमुख रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान यूनियनों के बैनर तले मोर्चा खोल रखा है। राकेश टिकैत के अलावा क्रांतिकारी किसान यूनियन (KKU) के अध्यक्ष एवं ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमिटी (AIKSCC) की कार्यकारी समिति के सदस्य दर्शनल पाल, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रवण सिंह पंढेर, किसान मजदूर संघर्ष समिति एवं पंजाब किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू, स्वार इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव और किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी जैसी शख्सियतें इनकी अगुवाई कर रहे हैं।

16 जनवरी को शुरू हुआ था टीकाकरण अभियान

ध्यान रहे कि भारत में 16 जनवरी को कोरोना टीकाकरण की शुरुआत की गई थी। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों एवं अग्रिम मोर्चों पर तैनात लोगों को कोविड-19 वैक्सीन दी गई। 1 मार्च से टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हुआ तो तयशुदा बीमारियों से ग्रस्त 45 से 59 वर्ष के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। वैसे अब अलग-अलग समूहों ने अपने लिए वैक्सीन की मांग करने लगे हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है।

टीकाकरण की प्राथमिकता सूची बढ़ने का इंतजार

देश में अभी कोवैक्सीन और कोवीशील्ड, दो ही टीकों को व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल की मंजूरी मिली है जबकि कुछ और वैक्सीन को निटक भविष्य में मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है। संभवतः अन्य टीकों को मंजूरी बढ़ने के बाद टीकाकरण अभियान का दायरा बढ़ाकर प्राथमिकता सूची में बदलाव किया जाएगा।

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