उत्तराखंड के विजयंत बिष्ट को कीर्ति चक्र से नवाजा

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जिन सैनिकों को वीरता पुरस्कारों से नवाजा है, उनमें उत्तराखंड के मेजर विजयंत बिष्ट भी हैं। उन्हें कीर्ति चक्र से नवाजा गया है। कीर्ति चक्र शांतिकाल में वीरता के लिए दिया जाने वाला दूसरा बड़ा पुरस्कार है। सबसे बड़ा पुरस्कार अशोक चक्र है।

हल्द्वानी के दुर्गा कॉलोनी में रहने वाले बिष्ट जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री की चैथी बटालियन में मेजर हैं। उन्होंने पिछले साल कश्मीर में आतंकियों के साथ करीब 60 घंटे तक चली मुठभेड़ में दो आतंकियों को खुद मार गिराया था तथा अपने एक जवान की जान बचाई जबकि इसी आपरेशन में उनकी टीम ने तीन अन्य आतंकियों को मार गिराया था। सेना मुख्यालय के अनुसार यह घटना छह जून 2017 की है। मेजर विजयंत बिष्ट को रात्रि 9.40 बजे सूचना मिली कि कुछ आतंकी चोरगली में घुस आए हैं। इस पर उन्होंने टीम के साथ जंगल में धावा बोल दिया।

विजयंत की टीम ने आतंकियों के मंसूबे नहीं होने दिए सफल

चोरगली जंगल में बिष्ट ने आतंकियों की घेराबंदी इस तरह की थी कि वो बाहर नहीं निकल सके। बिष्ट फायरिंग कर उन्हें उलझाते रहे। आतंकियों ने भागने की कई कोशिशें कीं, पर विजयंत ने उनके मंसूबे सफल नहीं होने दिए। नौ जून को दो बजे आतंकी सेना के हाथ लग गए। इस दौरान उन्होंने दो आतंकियों को खुद ढेर किया। उनकी टीम ने तीन को मार गिराया। कोई भी आतंकी बच नहीं सका।

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