दिव्यांगजन के कामकाजी वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करेंः जिलाधिकारी

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देहरादून: कलेक्ट्रेट के एनआईसी सभागार में जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने जिला स्तरीय दिव्यांगजन समिति और इससे संबंधित लोकल लेवल कमेटी की बैठक में समिति के सदस्यों को निर्देश देते हुए कहा कि दिव्यांगजनों की विभिन्न श्रेणी में ऐसे दिव्यांगजनों की पहचान करें, जो अपने ही आवास पर कुछ ना कुछ स्वरोजगार कर कुछ अपनी आमदनी जनरेट कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं तथा उन्हें स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करें।

जो दिव्यांगजन अपनी कुछ इनकम जनरेट करके आत्मनिर्भर बन जाएंगे उससे उनके अभिभावकों की लायबिलिटी कम हो जाएगी। उन्होंने दिव्यांगजन अधिनियम व नियमावली के अंतर्गत दिव्यांगजनों के पुनर्वास, स्वरोजगार और सशक्तिकरण का गंभीरता से प्रयास करने तथा उनसे संबंधित शिकायतों पर समुचित विचार करते हुए प्राथमिकता से उसका समाधान करने के निर्देश दिए।

‘‘सरकारी गैर-सरकारी समिति के प्रत्येक सदस्य 5-5 कार्यालयों की लेंगे जिम्मेदारी’’

जिलाधिकारी ने कहा कि दिव्यांगजन समिति और लोकल लेवल कमेटी से जुड़ा प्रत्येक सदस्य पहले चरण में 5-5 कार्यालयों की जिम्मेदारी लेगा तथा इन कार्यालयों में रैंप, रेलिंग, व्हीलचेयर, विशेष पार्किंग, सुविधाजनक व दिव्यांग फ्रेंडली शौचालय जैसी मिनिमम सुविधाओं को विकसित किया जायेगा, जिससे यह कार्यालय दिव्यांग सुगम हो जाएं। इसके अतिरिक्त बैंक, डाकघर, अन्य सरकारी कार्यालयों तथा ऐसे संस्थान व सार्वजनिक कार्यालय जहां पर दिव्यांगजनों का किसी न किसी प्रकार की सेवा को लेकर आना-जाना लगा रहता है वहां पर भी यथासंभव दिव्यांगजन फ्रेंडली मिनिमम सुविधाओं को विकसित करने का प्रयास किया जाए।

उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को यह भी निर्देश दिये कि लीड बैंक अधिकारी के समन्वय से ऐसे दिव्यांगजन जो अपनी पेंशन लेने बैंक और डाकघर तक नहीं आ-जा सकते उनके लिए यथासंभव घर पर ही पेंशन पहुंचानें व वितरित करने की व्यवस्था पर भी होमवर्क करने के निर्देश दिए।

पेंडेंसी को कम करें

जिलाधिकारी ने चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक बुधवार को कोरोनेशन अस्पताल में बनाए जाने वाले दिव्यांगजन प्रमाण पत्रों को बनाने में आ रही ऑनलाइन तकनीकि बाधा को तत्काल ठीक करते हुए पेंडेंसी को कम करें। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी द्वारा दिव्यांगजन समिति के सदस्यों की उपस्थिति में आज तीन दिव्यांगजनों को गार्जियनशिप (अभिभावक) का दर्जा प्रदान किया गया।

इस दौरान सेवायोजन अधिकारी ममता चैहान नेगी ने अवगत कराया कि दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए भारत सरकार द्वारा देहरादून में शीघ्रता से एक एमसीसी (मॉडल करियर सेंटर) खुलने जा रहा है जहां पर दिव्यांगजनों के पंजीकरण, प्रशिक्षण, काउंसलिंग, स्वरोजगार इत्यादि की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

इस दौरान बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे, पुलिस क्षेत्राधिकारी शहर शेखर चंद्र सुयाल, माध्यमिक शिक्षा अधिकारी वाई एस चैधरी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र रावत सहित चिकित्सा विभाग और गैर सरकारी संगठनों से अर्चना मधवाल, रिजवान अली, पूजा नेगी, रश्मि बिष्ट, जे.जोसेप, सुनीता सिंह आदि समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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