देहरादून: पुनर्विकास परियोजना हेतु समझौता ज्ञापन हस्तारक्षित किया गया। एम.डी.डी.ए. उपाध्यक्ष डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव एवं रेलवे लैंड डेवेलपमेंट प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री वेदप्रकाश ने उक्त समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पल है। यह पहला ऐसा पीपीपी मॉडल है जिसे देश में उदाहरण के तौर पर अपनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट निर्धारित समय सीमा के अन्दर पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में एमओयू पर किए गए हस्ताक्षर
उत्तराखण्ड में एक अच्छी परम्परा शुरू हो रही है। प्रदेश के विकास के लिए शुरू किए गए विभिन्न प्रोजेक्ट्स अपनी निर्धारित समय सीमा से पूर्व ही पूर्ण किए गए हैं। इससे जहां एक ओर प्रोजेक्ट की उपयोगिता बनी रहती है, वहीं दूसरी ओर प्रोजेक्ट्स में आर्थिक रूप से बचत भी होती है।
507 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से तीन वर्ष में पूरा किया जाएगा प्रोजेक्ट
एम.डी.डी.ए. उपाध्यक्ष डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अब देहरादून रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के कार्य को प्रारंभ कर दिया जाएगा। परियोजना के लिए फीजिबिलिटी स्टडी, डिटेलड मास्टर प्लानिंग, अर्बन प्लानिंग व डी0पी0आर0 इत्यादि से संबंधित कार्य कर लिया गया है। लगभग 507 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से निर्मित होने वाले इस प्रोजेक्ट को तीन वर्षों में पूर्ण कर लिया जाएगा। रेलवे स्टेशन का निर्माण उत्तराखण्ड की वास्तुकला के आधार पर किया जाएगा।
एमडीडीए और रेलवे लैंड डेवलपमेंट प्राधिकरण के मध्य किया गया एमओयू
इसमें बजट एवं स्टार होटल, कमर्शियल स्पेस, पार्किंग, किड्स जोन, दिव्यांग लोगों के लिए विशेष प्रोविजन, रेलवे स्टेशन हेतु मेन रोड पर मुख्य द्वार का निर्माण, ओल्ड टेहरी की तर्ज पर क्लॉक टावर का निर्माण, पैदल यात्री प्लाज़ा, अंडर पास, यातायात के सुगम प्रबंधन एवं यात्रियों की सुविधाओं हेतु रेलवे स्टेशन पर आवागमन हेतु दूसरे छोर (भण्डारी बाग) की ओर से भी द्वार बनाया जाएगा, स्टेशन पर आने एवं निकासी हेतु पृथक व्यवस्था की जायेगी ।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा, प्राधिकरण सचिव श्री एस.एल. सेमवाल, श्री जी.सी. गुणवंत तथा आर.एल.डी.ए. के श्री अंजनी कुमार एवं श्री आशु शर्मा भी उपस्थित थे।