मंगलवार को जहर खाकर प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में पहुंचे हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडेय की इलाज के दौरान मौत हो गई। चार दिनों से मसूरी रोड स्थित मैक्स अस्पताल में पांडेय का इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने मल्टी आर्गन फेल्योर मौत की वजह बताई है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार के लिए हल्द्वानी भेज दिया है।
कारोबारियों, व्यापारियों ने किए सरकार के खिलाफ कई जगह प्रदर्शन
उधर, ट्रांसपोर्टर की मौत के बाद कारोबारियों, व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ कई जगह प्रदर्शन किए गए। मुख्यमंत्री ने प्रकाश पाण्डे की मृत्यु के कारणों की जांच के लिये जिलाधिकारी देहरादून को मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिये है। जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रियल जांच के लिए अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुधियाल को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में कृषि मंत्री के जनता दरबार में ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडेय जहर खाकर पहुंचे। इस दौरान पांडेय ने जीएसटी और नोटबंदी के बाद कारोबार ठप होने का आरोप लगाते हुए मंत्री को अपना प्रार्थनापत्र दिया था। अपनी बात रखते समय पांडेय की जुबान लड़खड़ाई और देखते ही देखते वह बेसुध हो गए। इससे वहां हडकंप मच गया। मंत्री ने स्टाफ के वाहन से पांडेय को इलाज के लिए भेजा। पांडेय के जहर खाने के बाद उसी दिन सोशल मीडिया में कई वीडियो भी वायरल हुए, जिसमें भाजपा के एक नेता से उनकी बातचीत हो रही थी।
पिछले चार दिनों से पांडेय का इलाज मैक्स अस्पताल के पांच डॉक्टरों की टीम कर रही थी। मंगलवार सुबह पौने 11 बजे धड़कन बंद होने पर डॉक्टरों ने परिजनों को इसकी जानकारी दी। दोपहर 12:03 बजे डॉक्टरों के पांडेय को मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस-प्रशासन के अफसर अस्पताल पहुंचे। इसके अलावा भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और घटना पर दुख जताया।
प्रकाश पांडेय की मौत की जांच को तैयार सरकार
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडेय के निधन पर शोक जताया है। कहा कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके परिवार के साथ है। पांडेय की जीवन रक्षा के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। कहा कि स्व.पांडेय के परिजनों द्वारा यदि किसी जांच की मांग की जाएगी तो सरकार जांच कराने के लिए भी तैयार है। सीएम ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृत्ति न हो।