देहरादून। जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कि मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत को सबसे पहले अपने मंत्रिमण्डल के सदस्यों की बैनामी सम्पत्तियों की जाँच कराने के लिए एक उच्च स्तरीय जाँच एजेन्सी का गठन करना चाहिए। जिससे प्रदेश के मन्त्रियों, जिन्होंने अवैध तरीके से गरीबों का गला काटकर सैकड़ों करोड़ रूपये की काली सम्पत्ति/बैनामी सम्पत्ति अर्जित कर आज अपने साम्राज्य खड़े कर दिये हैं, को बेनकाब करने की दिशा में काम करना चाहिए।
यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में नेगी ने कहा कि राज्य गठन से 5-10 वर्ष पहले अधिकांश मन्त्री खाने के भी मोहताज थे तथा लोग उनको गाड़ी में बैठाना तो दूर मोटर साइकिल/स्कूटर पर बैठाने से भी परहेज करते थे लेकिन आज इन मंत्रियों ने प्रदेश को लूटकर अपने स्वयं/पत्नी, रिश्तेदारों, मित्रों एवं नौकरों के नाम करोड़ों रूपये की अकूत सम्पत्तियाँ खरीद ली हैं तथा आलम यह है कि ये मन्त्री आज इतने परेशान हैं कि काली कमाई को कहाँ खपायें। नेगी ने प्रदेश की जनता को भी इसमें दोषी ठहराया है, जिन्होंने नेता न चुनकर निवेशक रूपी नेता चुनें।
नेगी ने कहा कि रात-दिन जीरो टोलरेंश का झूठा नारा लगाने वाले मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र को इस अभियान की शुरूआत माँ गंगा की स्थली हरिद्वार से शुरू करनी चाहिए। अगर शीघ्र इसकी शुरूआत नहीं हुई तो मोर्चा इनकी सम्पत्तियों का स्वयं पोस्टमार्टम करेगा। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, प्रवीण शर्मा पीन्नी, दिलबाग सिंह, सुशील भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।