बुधवार को सेना की ओर से एसएसपी को मिले पत्र में सनसनीखेज खुलासा हुआ कि सेना का एक हैंड ग्रेनेड, एक मोर्टार बम समेत 877 कारतूस के खोखे अभी भी गायब हैं। इस तथ्य के सामने आने के बाद एक बार फिर हड़कंप की स्थिति है। एसएसपी ने कहा कि अदालत से आरोपियों की एक दिन की रिमांड मिली है। रिमांड के दौरान आरोपियों से इस बारे में पूछताछ की जाएगी।
बीते 11 जनवरी की रात एसओजी और कैंट पुलिस की संयुक्त चेकिंग के दौरान कैंब्रियन हॉल स्कूल के पास तीन महिलाओं और एक पुरुष को सेना के प्रतिबंधित कारतूस और खोखों के साथ गिरफ्तार किया गया था। जब उनकी गिनती की गई तो 5.56 एमएम के 8170 खोखे और 7.62 एमएम के 119 जिंदा कारतूस मिले। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी मुस्तकीम, सीमा, शिव कुमारी और पिंकी निवासी कांवली रोड से पूछताछ की, लेकिन अभी तक आरोपियों ने कुछ नहीं उगला।
मुस्तकीम की जीएमएस रोड पर कबाड़ की दुकान है, जबकि महिलाएं कबाड़ बीनने का काम करती हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन महिलाओं ने सेना के कैंप में घुसकर कारतूस के खोखे और जिंदा कारतूस चोरी किए और उन्हें कबाड़ की दुकान पर बेच दिया। इधर, बुधवार को सेना की ओर से एसएसपी को एक पत्र मिला, जिसमें कहा गया है कि एक हैंड ग्रेनेड, एक मोर्टार बम और एके-47 के कारतूस के 877 खोखे अभी भी गायब हैं।
आशंका है कि इन्हीं पकड़ी गई महिलाओं ने ही इसकी भी चोरी की है। हालांकि आरोपियों के जेल में होने के कारण इस बात की छानबीन अभी नहीं हो सकी है, लेकिन एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि सेना की ओर से मिले पत्र के आधार पर अदालत से आरोपियों की रिमांड मांगी गई थी, जिससे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। रिमांड पर आरोपियों से इस संबंध में पूछताछ की जाएगी।
कहीं बेच तो नहीं दिए ग्रेनेड, मोर्टार
कैंट पुलिस जीएमएस रोड स्थित मुस्तकीम की कबाड़ की दुकान को खंगाल चुकी है, लेकिन वहां न तो हैंड ग्रेनेड मिले और न ही मोर्टार बम। ऐसे में आशंका है कि मुस्तकीम ने इसे किसी को बेच तो नहीं दिया है। यदि ऐसा है तो पुलिस के साथ सेना की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।