पशुपालन, मत्स्य, डेयरी एवं सहकारिता सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने यहां गनियाद्योली स्थित को-ऑपरेटिव ड्रग फैक्ट्री का निरीक्षण किया। उन्होंने औषधीय पौधों, जड़ी-बूटियों के प्रयोग के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने पर जोर दिया। फैक्ट्री की आय बढ़ाने के लिए मार्केटिंग व्यवस्था सुदृढ़ करने तथा स्थानीय निजी चिकित्सकों से अनुबंध करने का भी सुझाव दिया। सचिव ने मत्स्य, पशुपालन व डेयरी विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान सहकारिता सचिव ने ड्रग फैक्ट्री में तैयार होने वाले उत्पादों की विस्तार से जानकारी ली। भंडार, औषधि कक्ष सहित विभिन्न यूनिटों का जायजा लिया। कर्मचारियों की स्थिति की भी जानकारी ली। उन्होंने जड़ी-बूटी उत्पादन करने वाले किसानों को जोड़ने व इसके माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करने को कहा। प्रभारी प्रबंधक एसएस अली को फैक्ट्री की आय बढ़ाने के लिए मार्केटिंग व्यवस्था मजबूत करने के साथ दवाएं बेचने के लिए स्थानीय निजी चिकित्सकों के साथ अनुबंध करने के निर्देश दिए। कहा, आउटलेट शॉप के जरिए भी दवाएं बेची जा सकती हैं।
पशुपालन व डेरी विभाग की भी समीक्षा
सचिव ने कहा फैक्ट्री की आधुनिकीकरण व भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन, भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके बाद सचिव ने पशुपालन व डेरी विभाग की भी समीक्षा की तथा जनपद में संचालित योजनाओं की प्रगति की जानकारी हासिल की। अधिकारियों को सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के निर्देश दिए। जनपद में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने तथा सहकारिता से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने पर भी जोर दिया।