Theater Stampede case : अल्लू अर्जुन को भगदड़ मामले में दर्ज केस में कितनी हो सकती है सजा?

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Theater Stampede case

Theater Stampede case :  तेलंगाना के हैदराबाद में पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग के दौरान हुई भगदड़ से जुड़े मामले में तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बताया गया है कि हादसे के 20 दिन बाद मंगलवार (24 नवंबर) को तेलंगाना पुलिस ने उनसे तीन घंटे से भी ज्यादा तक पूछताछ की है। इससे पहले 13 नवंबर को अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी हुई थी। तेलुगु अभिनेता से इस मसले पर कई सवाल पूछे गए हैं।

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ऐसे में यह जानना अहम है कि संध्या थिएटर में मची भगदड़ को लेकर आखिर अल्लू अर्जुन क्यों आरोपी बनाए गए हैं? उन पर क्या और किन धाराओं में आरोप लगे हैं? इसके अलावा उनके खिलाफ दर्ज धाराओं में कितनी सजा हो सकती है? आइये जानते हैं…

संध्या थिएटर केस में आरोपी क्यों बनाए गए अल्लू अर्जुन?

4 दिसंबर को हैदराबाद में ‘पुष्पा 2’ की स्क्रीनिंग (Theater Stampede case) के दौरान हुई भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। घटना के बाद हैदराबाद पुलिस ने मृतक महिला के परिवार की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर चिक्कड़पल्ली थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत अल्लू अर्जुन, उनकी सुरक्षा टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया।

अल्लू अर्जुन का नाम आरोपी नंबर 11 के रूप में दर्ज किया गया था। उन्हें महिला की मौत के सिलसिले में 13 दिसंबर को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तेलंगाना हाईकोर्ट ने उसी दिन अभिनेता को चार हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी और उन्हें 14 दिसंबर की सुबह यहां जेल से रिहा कर दिया गया।

इस मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा था कि पुलिस की अनुमति नहीं मिलने के बावजूद तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन चार दिसंबर को उस थिएटर में पहुंचे जहां पुष्पा-2 दिखाई गई। भगदड़ के दौरान महिला की मौत के बाद भी अभिनेता सिनेमा हॉल से बाहर नहीं निकले। सीएम रेड्डी ने बताया कि पुलिस को उन्हें (अल्लू अर्जुन) जबरन बाहर निकालना पड़ा था। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक वीडियो का हवाला देते हुए भीड़ में रोड शो करने और इस दौरान लोगों से हाथ मिलाने के लिए अल्लू अर्जुन पर कार्रवाई हुई है।

सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि थिएटर प्रबंधन ने 2 दिसंबर को पुलिस को एक चिट्ठी देकर अल्लू अर्जुन समेत अन्य लोगों के दौरे के लिए सुरक्षा की मांग की थी। पुलिस ने आवेदन खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि थिएटर के अंदर जाने और बाहर निकलने से पहले अभिनेता अपनी कार के सनरूफ में खड़े थे।

अल्लू अर्जुन के मामले में अब आगे क्या?

तेलुगु अभिनेता से संबंधित आरोपों को लेकर पुलिस की जांच जारी है। धारा 105 में अपराध की परिभाषा के मुताबिक, कोई व्यक्ति जान-बूझकर किसी को नुकसान पहुंचाता है और पीड़ित की मौत हो जाती है, तो उसे सजा हो सकती है। अल्लू अर्जुन के मामले में पुलिस को साबित करना होगा कि अभिनेता की मौजूदगी की वजह से हुई भगदड़ के चलते ही पीड़ित महिला की मौत हुई।

इतना ही नहीं इस धारा में व्यक्ति की तरफ से ‘जानबूझकर नुकसान पहुंचाने, जिसकी वजह से मौत हो जाए’ का भी जिक्र है। यानी एक तरह से आरोपी के खिलाफ पुलिस को यह भी सिद्ध करना होगा कि अल्लू अर्जुन को सुरक्षा से जुड़े जोखिम पता थे, इसके बावजूद उन्होंने इन्हें नजरअंदाज किया।

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पुलिस इस पूरे हादसे के सीन को री-क्रिएट कर सकती है। यानी आरोपों को लेकर पूरे घटनाक्रम को दोबारा रचा जाएगा, ताकि मामले में परिस्थितिजन्य सबूत (Circumstancial Evidence) जुटाए जा सकें।

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