भूमिगत मेट्रो उत्सर्जित करती है कम कार्बन: प्रो. टंडन

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सीएसआइआर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की में मंगलवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि एवं टंडन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के प्रबंध निदेशक प्रो. महेश टंडन ने कहा कि शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में मेट्रो का कोई विकल्प नहीं है। प्रौद्योगिकी विकास में भूमिगत मेट्रो ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरण के लिए सबसे अनुकूल प्रणाली साबित हो रही है। यह प्रणाली अन्य सभी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों से कम कार्बन उत्सर्जित करती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में भी दी विस्तृत जानकारी

मुख्य अतिथि प्रो. टंडन ने शहरी परिवहन संरचनाओं में स्थिरता विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में मेट्रो के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। विशिष्ट अतिथि एवं वास्तुविद् डॉ. पीके दास ने कहा कि देश में विभिन्न ग्रामीण आवास तकनीकों से ग्रामीण क्षेत्रों में अगले पांच साल में 30 लाख मकानों का निर्माण हो जाएगा। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। संस्थान के निदेशक डॉ. एन गोपालकृष्णन ने कहा कि पोखरण में नाभिकीय परीक्षणों से नाभिकीय आयुद्ध प्रौद्योगिकी में देश ने महारथ हासिल की है।

उन्होंने बताया कि त्रिशूल मिसाइल, स्वदेशी वायुयान हंसा-तीन के सफल परीक्षण उड़ान भरने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस घोषित किया था। जिसे प्रति वर्ष भारतीय तकनीकी साहस और प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों के जश्न के रूप मनाया जाता है। कार्यक्रम के दौरान संस्थान की त्रैमासिक द्विभाषी प्रकाशन सीबीआरआइ न्यूज लेटर-भवनिका का विमोचन किया गया। इस मौके पर डॉ. एके मिनोचा, वैज्ञानिक सौमित्रा मैती, डॉ. पीके दास, डॉ. अतुल अग्रवाल, डॉ. सुवीर सिंह, के अरोड़ा, विनोद कुमार एवं नदीम अहमद आदि मौजूद रहे।

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