माइक्रोबाइल टेक्नोलॉजी पर आधारित तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू

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विपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रोद्यौगिकी संस्थान में माइक्रोबाइल टेक्नोलॉजी पर आधारित तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू हो गई है। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. आरके सिंह ने कहा कि वर्तमान परिवेश में सूक्ष्म जीवों को मानव के लिए उपयोगी बनाने के लिए किस तरह तकनीक का उपयोग हो सकता है। इसके लिए बायोकैमिकल विभाग की ओर से आयोजित यह कार्यशाला छात्र-छात्राओं के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

छात्र-छात्राओं के साथ साझा किये जाएंगे अनुभव

कार्यक्रम संयोजक प्रो. ज्योति सक्सेना ने कहा कि प्रकृति में स्वभाविक रूप से पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों का मानव जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान में देश के अंदर ईंधन, फूड प्रॉब्लम, पर्यावरण, स्वच्छता आदि के साथ कृषि कार्यों में भी कमी देखने को मिल रही है। कार्यशाला के माध्यम से विशेषज्ञों की ओर से इन सभी समस्याओं के निदान के लिए तकनीकी की सहायता से इन्हें दूर किए जाने के अनुभव छात्र-छात्राओं के साथ साझा किये जाएंगे।

कार्यशाला में ग्राफिक एरा एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय के तकनीकी विषय के छात्र-छात्राएं भी भाग ले रहे हैं। तीन दिवसीय कार्यशाला में कुमाऊं विश्वविद्यालय से प्रो. बीना पांडेय, गढ़वाल यूनिवर्सिटी से डॉ. गोपाल जोशी, भारत पेट्रोलियम से डॉ. मोहन, पर्यावरण संस्थान कटारमल से डॉ. अनिता पांडेय आदि प्रतिभागियों को जैव तकनीकी, बायोफ्यूल और उद्योगों में काम आने वाले एंजाइम की हैंड्सऑन ट्रेनिंग देंगे। इस अवसर पर डॉ. अजीत सिंह, प्रो. श्वेता रावत, डॉ. आरके पांडेय, डॉ. अनिरुद्ध गुप्ता, डॉ. लता बिष्ट, अमित मोहन, पंकज सनवाल, मंयक कुमार आदि मौजूद रहे।

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