कोरोना जांच करने में 3 पर्वतीय राज्यों से पिछड़ा उत्तराखण्ड

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उत्तराखंड में कोरोना  का कहर बढ़ता ही जा रहा है लेकिन इस बीच एक बात सामने आई है की कोरोना टेस्टिंग में उत्तराखंड सभी पर्वतीय राज्यों से पीछे है।

राज्य के पर्वतीय इलाकों में तो हालात और खराब है। प्रदेश के 9 पर्वतीय इलाकों में 9 दिन में 180% टेस्टिंग का औसत रहा।कोरोना प्रकरण को 2 महीने हो गए हैं तीसरा महीना भी शुरू हो गया है अब तक प्रदेश में  प्रतिदिन सिर्फ 325 सैंपल ही टेस्ट के लिए जा रहे । ये बात सही है उस समय ज्यादा केस नहीं थे तो सरकार को जरूरत भी नहीं पड़ी।

लेकिन अब अलग-अलग राज्यों से प्रवासी आ रहे हैं और पिछले 10 दिन में जो 48 केस आए हैं। ऐसे में सरकार को टेस्टिंग बढ़ा देनी चाहिए क्योंकि अब बाजार भी खुल गए हैं लोगों की भीड़  भी जुटने लगी है।

उत्तराखंड में प्रति लाख लोगों पर 119 टेस्ट हो रहे हैं, जबकि हिमाचल में यह संख्या 264 है।जम्मू कश्मीर में प्रति लाख में 726% टेस्टिंग और त्रिपुरा में 386% टेस्टिंग हो रही है।

हिमाचल  में कोरोना की जांच के लिए चार लैब्स को मान्यता मिली है।  उत्तराखंड में भी चार लैब्स है लेकिन  यहां पर टेस्टिंग बेहद धीमी है। अब कोरोना के केस बढ़ रहे हैं तो ऐसे में सरकार को टेस्टिंग के लिए केंद्र से  और लैब की परमिश लेनी होगी।

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