एस्केप चैनल संबंधी शासनादेश को निरस्त करने का आदेश

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देहरादून। गंगाद्वार हरिद्वार में हर की पैड़ी पर बह रही गंगा की धारा को एस्केप चैनल (नहर) घोषित करने संबंधी शासनादेश को निरस्त करने का आदेश बुधवार को जारी हो सकता है। यह शासनादेश 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जारी किया था। तब से इसे निरस्त करने की मांग उठ रही है। हाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह शासनादेश निरस्त करने के निर्देश देते हुए कहा था हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बरकरार रखा जाएगा। सूत्रों के अनुसार अब इस शासनादेश को निरस्त करने के मद्देनजर सभी पहलुओं पर मंथन कर लिया गया है।

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पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हर की पैड़ी पर बह रही गंगा की धारा को गंगा का मुख्य भाग न मानते हुए इसे एस्केप चैनल घोषित कर दिया गया था। इस वर्ष जुलाई में मामला तब गरमाया था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने हरिद्वार में अपनी सरकार के इस फैसले पर अफसोस जताया था। तब भाजपा ने तुरंत यह मुद्दा लपकते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था।

सरकार की ओर से कहा गया था कि

साथ ही कांग्रेस की भूल सुधारने की बात कही थी। सरकार की ओर से कहा गया था कि वह एस्केप चैनल संबंधी शासनादेश को निरस्त करेगी। हाल में गंगा सभा के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस मसले पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने साफ किया था कि हरकी पैड़ी में अविरल गंगा का दर्जा बरकरार रहेगा। साथ ही एस्केप चैनल संबंधी शासनादेश को निरस्त कर नया आदेश जारी करने की बात कही थी। सूत्रों ने बताया कि अब इस संबंध में सभी पहलुओं पर अध्ययन कर लिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलते ही एस्केप चैनल संबंधी शासनादेश को निरस्त करने का आदेश जारी किया जाएगा।

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