योगी सरकार ने कालेजों के शिक्षकों को दिया सातवें वेतन आयोग का तोहफा

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प्रदेश सरकार ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों व समकक्ष सवंर्गों के कर्मचारियों को सातवें वेतन का तोहफा दिया है। यूपी कैबिनेट ने विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों और समकक्ष संवर्गों के लिए सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार वेतन पुनरीक्षण योजना को लागू को मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि शिक्षक दिवस  सेे पहले यूपी सरकार के फैसले से शिक्षकों के वेतन में 15 हजार से लेकर 35 तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

सातवें वेतनमान से करीब 20 हजार शिक्षकों को फायदा मिलेगा और इसके लिए सरकार ने अनुपूरक बजट में 921 करोड़ का इंतजाम किया है। खास बात यह है कि माध्यमिक और बेसिक विद्यालयों के शिक्षकों को यह लाभ सरकार पहले ही दे चुकी है लेकिन यूजीसी के आधार पर वेतनमान पाने वाले शिक्षकों का आदेश केंद्र सरकार द्वारा देरी से जारी किए जाने के कारण यूपी सरकार ने भी अब जाकर इस बारे में फैसला किया है। इस फैसले से करीब 11 हजार शिक्षकों को लाभ मिलेगा। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में यह लाभ पहले ही दिया जा चुका है।

922 करोड़ के खर्च में राज्य सरकार और केंद्र सरकार का हिस्सा 50-50 फीसदी शामिल है। केंद्र सरकार अपने 50 फीसदी हिस्से की भरपाई 31 मार्च 2019 तक की जाएगी। भरे हुए नियमित पदों के आधार पर ही केंद्र सातवें वेतन के आधे हिस्से की भरपाई करेगी।

प्रवक्ता ने बताया कि यूजीसी नियमों के अनुसार ही राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों को सातवां वेतनमान, पे मैट्रिक्स, प्रोन्नति आदि के आधार पर दिया जाएगा। इसका लाभ केवल राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों, राजकीय व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को ही दिया जाएगा। निजी विश्वविद्यालयों और स्ववित्त पोषित डिग्री व पीजी कालेजों के शिक्षकों को यह लाभ सरकार नहीं देगी।

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