कोरोना वैक्‍सीन से भी असरदार है रीजेनेरॉन का ऐंटीबॉडी कॉकटेल

914
vaccine
vaccine

Regeneron’s antibody cocktail for Covid-19:  कोरोना वायरस वैक्‍सीन (Coronavirus vaccine) से कोविड-19 के खिलाफ इम्‍युनिटी हासिल होती है। मगर इससे इन्‍फेक्‍शन के बाद इलाज नहीं होता। अमेरिकी बायोटेक्‍नोलॉजी कंपनी रीजेनेरॉन ने ऐसा ऐंटीबॉडी कॉकटेल (Regeneron’s antibody cocktail) तैयार किया है जो कोरोना से बचाता भी है और उसका इलाज भी करता है। राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) को कोरोना संक्रमित होने पर यही कॉकटेल दिया गया था। ‘साइंस’ जर्नल में छपी रिसर्च के अनुसार, बंदरों को जब इन्‍फेक्‍शन से तीन दिन पहले यह ऐंटीबॉडी कॉकटेल दिया गया तो उसने बॉडी में कोविड इन्‍फेक्‍शन पनपने ही नहीं दिया। रीजेनेरॉन के रिसर्चर्स का दावा है कि यह कॉकटेल कोविड-19 की रोकथाम और इलाज, दोनों में इस्‍तेमाल हो सकता है।

वैक्‍सीन से ज्‍यादा असरदार है ये कॉकटेल

‘साइंस’ जर्नल में छपी रिसर्च के अनुसार, रिसर्चर्स ने बंदरों पर REGN-COV का टेस्‍ट किया। उनमें कोविड-19 के हल्‍के लक्षण देखने को मिले। जबकि सुनहरे चूहों में लक्षण ज्‍यादा गंभीर थे। पता चला कि जब बंदरों को वायरस के संपर्क में लाने से तीन दिन पहले कॉकटेल दिया गया तो इलाज में इन्‍फेक्‍शन को पनपने ही नहीं दिया गया। साइंटिस्‍ट्स के अनुसार, ‘यह नतीजे अभी तक जानवरों पर हुए वैक्‍सीन के नतीजों के बराबर या अच्‍छे हैं।’

इलाज में भी मदद करता है ये कॉकटेल

रिसर्चर्स ने स्‍टडी में कहा कि इससे कोविड इन्‍फेक्‍शन से बचाव और इलाज, दोनों संभव है। जब बंदरों को इन्‍फेक्‍शन के एक दिन बाद यह कॉकटेल दिया गया तो उनका वायरल क्लियरेंस उन बंदरों से तेज था जिन्‍हें कॉकटेल नहीं मिला था। चूहों को इन्‍फेक्‍शन से दो दिन पहले रीजेनेरॉन का ऐंटीबॉडी कॉकटेल देने पर ‘वजन में कमी’ की दिक्‍कत दूर हो गई। स्‍टडी में रिसर्चर्स ने कहा, ‘हमारे डेटा इस बात का सबूत है कि REGN-COV2 पर आधारित इलाज से कोविड-19 बीमारी की रोकथाम और इलाज में फायदा मिल सकता है।’

कैसे काम करता है ऐंटीबॉडीज का यह कॉकटेल?

REGN-COV2 में दो ऐंटीबॉडीज का ‘कॉकटेल’ है। इन्हें नए कोरोना वायरस के उस हिस्‍से को रोकने के लिए बनाया गया है जिसके जरिए वो इंसानी कोशिका में प्रवेश करता है। ये ऐंटीबॉडीज अपने आप को वायरस के ‘स्‍पाइक प्रोटीन’ के अलग-अलग हिस्‍सों से जोड़ लेती हैं। इससे उनका स्‍ट्रक्‍चर बदल जाता है।

वैक्‍सीन से कितनी अलग?

वैक्‍सीन शरीर को खुद ऐंटीबॉडीज बनाना सिखाती हैं। साइंटिस्‍ट्स रिकवर हो चुके मरीजों के खून से लिए गए कॉन्‍वलसेंट प्‍लाज्‍मा में निकाली गईं रेडीमेड ऐंटीबॉडीज पर भी रिसर्च कर रहे हैं। हालांकि इसे बड़े पैमाने पर इलाज के लिए इस्‍तेमाल नहीं किया जा सकता। ऐंटीबॉडीज का यह कॉकटेल ड्रिप के जरिए दिया जाता है। रीजेनेरॉन के कॉकटेल में रिकवर हुए मरीजों के प्‍लाज्‍मा से निकाली गईं दो सबसे अच्‍छी ऐंटीबॉडीज हैं।

Leave a Reply